संस्कृत हिंदी कम्पोजीशन भाग १ | Sanskrit Hindi Composition Bhag-1

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Sanskrit Hindi Composition Bhag-1 by पंडित सीताल प्रसाद - Pandit Sital Prasad

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about पंडित सीताल प्रसाद - Pandit Sital Prasad

Add Infomation AboutPandit Sital Prasad

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
पे जल परनाप टन 34८4 _+- ८1८ कद ० न मी मकर € २९ ) 25 5५ धचन ओर विभक्ति विशेष्य में रहतो हैं बेई लिक्ष धचन और छिभाक्ते विशेषण में भो आतो हैं । जेसे | उत्तमः परूषः । अच्छा पुरुष । उत्तमा स्थ्री । अच्छी सती । उत्तम कुलस । अच्छा कल । धनवान भनुपष्य । चनो मनष्य । घनवन्ता मन॒प्या | दोनों घनी मनुष्य । घनवन्‍्तो- मनुप्या: । घनो मनुष्य । झुन्दरों बालकः । सुन्दर बालक । सुन्दर बाकक्म । सुन्दर बालक को 1 स॒न्दरेण घालकेन । सुन्दर॑ बालक से .! इत्यादि ॥ * संस्कृत में जहां पिशेष्ण ओर , घिशेष्य का समांस नहीं द्वेता बहां उन दोनों के आगे बहुचा किभक्ति के चिष्ट रहते .हैं । परन्तु हिन्दों में विशेष्य ही के आगे वे चिट्ठ रहते हैं घिशेषण के आगे उन का लाप हो जाता हे । जेसे । नोलमुत्यलमानय 1 काले क्रमल के लाओ ! यहां संस्कृत में नोल ओर उत्पल इन देने शब्दों के आगे द्वितोया व्थिक्ति के एकबचन के चिड़ हलु मकार हैं । परन्त हिन्दो में केइल कमल शब्द के आगे द्वितीय फा चिह «के।” है । काला शब्द के आगे उसका लेप हुआ हे । छिन्दो. में काले के। कमल के लाओ यह्द बेगलना अशुद्ध है। हिन्दी में पुल्लिज्न विशेष्य का यदि आक्रारान्त विशेषण हो ता कत्ता कारक फ्रो प्रथमा विमत्ति के केवल बहुबचन में ओर इतर सकल बिम- , | क्तियों के देने बचने में पिशेषण के अन्त ओकार के एकार दे जाता है । जेसे | भला बालक । भले बालक । भले वालक के । भले चालक के । मले बालक से ! भले बालकों से इत्यादि ॥ यदि स्वीलिवठ विशेष्य का आकारान्स विशेषण हे से सब दिमत्तियां के देनों घचनों में विशेषण के अन्त आकार के दीोथे डेकार छेला है । ओर इस हेकार में विभक्ति फे धंचनें के कारण कद पिकार नहीं छोता । जेंसे | अच्छी घेड़ो । अच्छी चेडियाँ । अच्छी घोड़ी के । भच्दोघेड़ियों का । अच्छोघाड़ो




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now