जोशेजुनू उर्फ़ गुलेनार | Joshejunoo Urf Gulenaar

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Joshejunoo Urf Gulenaar by उपेन्द्रनाथ राहीकर - Upendranath Raahikar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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शाह७) बेइक विलकुल इतफाक नहीं है। सिंप०) ते हुजूर बादशाद सलामत से क्या अर्न करदिया जाबे ! (शाह०) नहीं शव उनकेा मालुम करने की जरुरत नहीं! (िप०) हुजूर बराये खुदा शादी से इनकार न करें वरना यह समझा जायगा कि हुआलर वालदेन के अरमानों का कत्ल ही करते है । (शाह०) नहीं में इसम जरा भी चुं न करूंगा, मगर हां तुम छाग यहांपर मेरे लौट आने को इन्तजारी करे! जब तक मे वापल न आ जाऊं, कदम न बढ़ाना, समझे ' (ज्ञाना) (सिप०) अफसोस शहजादे के भी केसा जुनू सवार द जे! शाहो स इनकार है । (सिप०) ज्ञी सरकार माल्टम नहीं क्या खयाल हे ! (डूसरा) अजी जवानी का आलम ठहरा किसो बुलबुल का साया पड़ गया होगा। (सिप०) भरे चुप- शाहन्शाद तशरोीफ फरमा दोते हैं - (कादशाह का आला) . (याद०) तुम सब यहां क्यों अटके? शाहजादा किणर - गया! (सय चुप रहते हद) -क्यों बेलले क्थें- खुप हो !? (२१)




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