षटखंडागम भाग 15 | Satkhandagama Bhag 15
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
34 MB
कुल पष्ठ :
486
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)११
५.१
६०
६१
कु
धरे
पंक्ति
१३
१६
१४
२४
१६
२६
३९
१३
११
११
२६
३९
२६
जा
शुद्धि-पत्र
अशुद्
सब द्वव्यों में निवद्ध है; वह सब पयोयों
में निवद्ध नहीं है ॥
19 7) 99
ग्राप्त
पचसत्ती ९
अकशेण
द्रव्यों में निवद्ध है, संब पयोगों में नहीं ॥
नाम कृतियां
फारणपरुपमावण्णरस
जन
' तद॒वलभादो
इसके अतिरिक्त मिथ्यात्व
उसमें
आचरिमासु
.उदेरिदि ति भणति
उदीरणंतर
सत्तण्णपमुदरभो
सात के उदीरकों से एक आवली में
संचित हुए भआंठ के
सम्पाइड्टी
सत्तउदीरंतरुप्त
. मिच्छाइटिप्पहुडि
जयन्य
बे यु
वे प्रमत्त, अप्रमत्त ओर अपूवकरण इन
तीन गुणाथानों में पाये
चेव
शुद्ध ेु
सब द्वव्यों ओर असये ( छुछ )
पयायों में िबद्ध है।। .'
95 ् 9) प्र)
प्राप्त *
पच[सत्ती
अकमेण
द्रव्यों और कुछ पर्यायों में निबद्ध है ॥
नाम ग्रकृतियां
फारणसरूचमावएणस्स
घंन
तदुबलंभादो
तथा मिथ्यात्व
८. ह
अचिरमासु
उदीरेदि त्ति भणंति
उदीरणातरं
सत्तण्णमुदीरश्रो ;ृ
एक आवबली में संचित हुए आठ के
सम्माइट्टी
सत्त उदीरंतरप्त
मिच्छाहं ड्विप्पहुडि
जचघन्य .
प्रमत्त और अप्रमच में वे सब तथा अपू्य -
करण में सातके बिना तीन स्थान पाये
चेव
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