मौजे - जिन्दगी | Mauje - Zindagi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
592 KB
कुल पष्ठ :
76
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)४ 144 ६
छोड़ ऐसे देखना चारों तरफ,
पास तेरे है तुझे जो चाहिए!
४ 1457:
चेहरा दर्पण में खुद का देखकर,
फिर नज़र दुनिया के चेहरे पर टिका।
४ 146 :
जिन्दगी को इस तरह जीकर दिखा,
हर नज़र को रोशनी मिलती रहे।
४: 147:
नज़र में गर प्यार का कोई नजारा,
रास्ते में रुक नहीं सकते कदम।
४ 148 ६:
गूर मिले नफरत कभी कर याद तू,
चेहाा तुझसे मुहब्बत्त॑ जो. करे।
४: 149:
साथ हम कब तक रहेंगे सोच मत,
किस तरह रहते यही है सोचना।
81507
बन हमारे हाथ में जो फूल रखते हैं,
थाम लेते बन पराये पत्थरों को भी।
81515
ज़िन्दगी में जब कभी हो कशमकश,
कंदम त्ब इन्साफ के हक में रहे।
४ 152:
जो तेरा बूता किये जा लगन से,
गम ने कर जिस पर तेरा काबू नहीं।
मौजे-जिन्दगी 25
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