बांझ धरती की कोख से | Banzh Dharati Ki Kokh Se
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
425 KB
कुल पष्ठ :
84
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about अमृत सिंह पंवार - Amrit Singh Panvar
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)फूल जब अपनी : खुशबू छोड़ दे
ऊ बकर- ि7 *
कहा
फूल जब अपनी गप्टृशवू
दोड़ दे
भौरों का गूजना,
चिड़ियो का चहकना
और
तितलियों का फुदकना
कुछ कम हो जाय
तो समझलो उपवन में
कुछ होने वाला है
सूरज की तपिश में
कुछ तेजी आजाय
और घवराकर
वह द्रत गति से
अस्ताचल की ओर
प्रस्थान करे
तो समभझलो
आकाश में कुछ
होने वाला है
५ 5 ,, बा धरतो की कोख से|25
४०. के ३८ “३7 ४८
User Reviews
No Reviews | Add Yours...