मुट्ठी भर उजियालों | Mutthi Bhar Ujiyalon

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : मुट्ठी भर उजियालों  - Mutthi Bhar Ujiyalon

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about संजय आचार्य - Sanjay Aacharya

Add Infomation AboutSanjay Aacharya

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
म्हारै असूलां म्हारी सभ्यता म्हारी संस्कृति अर म्हारै मिनखापणै री इमारतां री नीवां ने आपरे तीखे पंजां सूं कर देवे पोलीफस खोखली अर कदे, जद पड़ जावे ये इमारतां भरभराय उण बखत्त, म्हैं मिनख वण जावूं हूँ मिनख दांई दीखण आव्ही एक जिनायर। मुट्ठी भर उजियाडी / 23




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now