पाकिस्तान से ताजा गजलें | Pakistan Se Taza Gazalen

Pakistan Se Taza Gazalen by नरेन्द्र नाथ - Narendra Nath

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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तीन शायद अभी है राख में कोई शरार' भी क्यों वरना इंतजार भी है इज़्तिरारः भी ध्यान आ गया है भर्गे-दिले-नामुरादः का मिलने को मिल गया है सुकूं भी, करार भी अब ढूंढने चले हो मुसाफ़िर को, दोस्तो हृदुदे-निगाह* तक न रहा जब गुवार भी हर आस्ताँः पे नासिया-फर्सा ' है आज वह जो कल न कर सके थे तेरा इंतज़ार भी इक राह रुक गयी तो ठिठक क्‍यों गयी “अदा, भआावाद बस्तियाँ हैं पहाड़ों के पार भी 1. चिगारी 2. आतुरता 3. नाकाम दिल की मौत 4. दृष्टि की सीमा 2. चौयट 3. माथा रगड़नेवाला पाकिस्तान से ताजा गज्ञलें. 25




User Reviews

  • rakesh jain

    at 2020-11-23 10:14:13
    Rated : 8 out of 10 stars.
    category of the book is Gazal
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