सनत्कुमार चक्रिचरित महाकाव्यम | Sanatkumar Chakrichrit Mahakavyam
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15 MB
कुल पष्ठ :
386
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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से अनेक जेन शअ्रभिलेखों का भी सम्पादन किया हैं। उन्होंने खरतरगच्छ का
इतिहास भी लिखा है जिससे प्रतीत होता हैं कि जेव वाहुमय का कितना
अधिक परिचय उत्होंने प्राप्त कर रखा हैं। उनके द्वारा सम्पादित वृत्तमौक्तिक
नामक छन्दःशास्त्र के ग्रन्थ का प्रकाशन इस प्रतिष्ठान से ३ वर्ष पहिले ही हो
चुका हैं। अतः उनकी इत: पूर्व उपलब्धियों के श्राधार पर, प्रस्तुत ग्रन्थ का
सम्पादन भी अच्छा होना स्वाभाविक ही था। फिर भी मैंने इस ग्रन्थ की
विद्वत्तापूर्णो भूमिका को जब श्राद्योपान्त पढ़ा, तो मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई
कि सम्पादक महोदय ने जिस कार्यपदुता, और विद्वत्ता का परिचय इस ग्रन्थ के
सपादन मे दिया हे वह पूर्वसम्पादित ग्रन्थो से कही अधिक उच्चकोटि की हूं ।
श्राशा है यह तवयुवक विद्वानू, अपनी साहित्य-सेवा से राष्ट्रभाषा को निरन्तर
समृद्ध करता रहेगा।
श्रन्त में महोपाध्याय विनयसागर ने ग्रन्थ की फोटोकॉपी को भेट करने मे
जो उदारता दिखाई हैँ, उसके लिये मैं पुन: घन्यकाद श्रषित करता हूं ।
पौष शुक्ला पूर्िमा, सं० २०२४ “--फतहसिह
जोधपुर
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