नारी विद्रोह मनोविज्ञान | Naree Vidroh Mano Vigyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
130
श्रेणी :
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No Information available about श्री गुलाबरत्न बाजपेयी - Shree Gulaabratn Bajapeyai
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विवाह क्या है ९
जैसे फमितासे अथकोी अल्य करना असंभव ई; बैंसे ही खोसे पुरुपकोी
पर स्ग्थसा भी असमस्भव। में प्ुररषफी बात काना हूं, जबतक घट खीये।
साथ घल मिल ना जाता; उसकी सिन्द्रगी अधृरी रखती दे. वह पृण नहीं
पड़ी ज्ञा सवती । जसे लक्ष्मी नारायग और शिव पावती ।
तुम मेरी पं, में तुगारा। आपसकी यह भावना आदश है, जीवन
पी मदान पूति। मनुष्यका यह सम्मिलित शान किसी दिन सफल-तपतस्या
फा रूप घने जाता और उस समय पुरुष एक पत्नीत्रतका समथद बने
पंठता 1
था। राम्य-मिलन | विवाहका। वन्या घरभे रागनी 21 विदयाह
ऐसे ही सस्॒राटरी यात्रा घारती है । बचपनय साथी छूट जाते ह और
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