संस्कृत व्याकरण - शास्त्र का इतिहास भाग - 1 | Sanskrit Vyakaran - Shastra Ka Itihas Bhag - 1

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Sanskrit Vyakaran - Shastra Ka Itihas Bhag - 1 by युधिष्ठिर मीमांसक - Yudhishthir Mimansak

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about युधिष्ठिर मीमांसक - Yudhishthir Mimansak

Add Infomation AboutYudhishthir Mimansak

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
8 5» अं की । के के ही ऑफ करडादप अल 3 आज । 1 है आई औ पक | ( मे ) गाय १४६ । (४ ) गालव १५० । (४) चाक्रवमण २४३। ( ९) भारद्वाज (४६ | (७) शाकटायन १५७ । (८) शाकल्य १६५। ( ६ ) सेमक १७० । ( १० ) स्फोटायन १७०। १--पाणिनि और उसका शब्दानुशासन १७४ पाणखिनि के पर्याय १७४ | बंश तथा गुरु-शिष्य १७८ । देश १८२। खुत्यु (८३ । काल--पाश्चात्य मत १८५, पाश्चात्य मत परीक्षा १८६, अन्तः- साक्ष्य १६०, पाणिनि के सम्कालिक आचार्य १६४, शौनक का काल १६६, यास्‍क का काल १६७ | पाणिनि की महत्ता १६८। पाणिन्तीय व्याकरण ओर पाश्चात्य विद्वान्‌ २०० | क्या कात्यायन और पतञ्जत्नि पाशिनि के सूत्रों का खण्डन करते हैं ? २०० । पाशिनि-तन्त्र का आदि सूत्र १०१ । क्‍या भत्याहार खूच अपाणिनीय हैं ? २०४७। आाध्यायी के पाठान्तर ९०७। काशिकाकार पर अर्वाच्ीनों के आक्रैपष २०६। अष्ाध्यायी का च्रिविध पाठ २११ | पाशिमीय शाह्य के गरास २१४ । पाशिनीय दत्ब फी विशेषता २१४ । पाणिनीय तम्व पू्े तन्‍थों से संक्षिप्त ११५ | आशध्यायी संहिता पाठ में रची थी २१८ । खूञपाठ एकश्रुतिखर में था २१६ | अप्नाध्यायी में प्राचीन सूत्रों का उद्धार २२० । प्राचीन सूत्रों के परिज्ञान के कुछ उपाय २६२ | अश्ध्यायी के पादों की संज्ञाएं २२४ | पाणिनि के अन्य व्याकरण ग्रन्थ २५४ | पाणिनि के अन्य अन्थ--( १ ) शिक्षा (सत्रात्मिका शोकाव्मिका ) शिक्षा-यूत्री का पुनरुद्धारक, सत्ाक्मिका के दो पाठ, क्मेकात्मिका के दो पाठ, सखरपाठ श०४- २८; (९) जाम्बबती-विज्ञुय &*८; (३ ) टद्विरूप कोश २०६, पूवेपाणिनीय २२६। ६--आचार्य पाशिनि के समय विद्यमान संस्कृत वाहमय २३२ पाशिनि के मतानुसार ५ विभाग २३० । द॒ृए २२३। प्रोक्त--( १ ) संहिता २२६; ( २ ) ब्राह्मण २१८; (३ ) अनुब्राह्ोण २४३; (४) उपनिषद्‌ २४४; ( ५ ) कल्पसूच्र २४४; (६) अनुकल्प २४६; (७) शिक्षा २४६; (८ ) व्याकरण २४८; (६ ) निरक्त २४५०; (१०) छन्द्शात्र रुप शः बह है3




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now