विचार - मत | Vichar-mat
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
101
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पिचारमत - (पंडित पृजा ) १8
& २४ दोप त्याग #
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लोक मूढ़ न दृएन्त, देव पासंडि न ब्णते ।
, अनायतन मदाष्ट च, शफा अष्ट न रु्ते ॥ १६॥।
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इस गाथा में समाकित के ,
पव्चिस दोपो का नाम कहा।
तीन मूढृता अनायतन पद,
अष्ट मदो का नाम कहा ॥
ऐसे इन पाज्चिस दोषों से,
| शकादिक आशों दोषों को, 6
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क् भव्यजीव ही डरते हैं ॥१६॥
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