प्रेक्षागृह का शून्य | Prekshagrah Ka Suny

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Book Image : प्रेक्षागृह का शून्य - Prekshagrah Ka Suny

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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झौर सहम गई हैं घिड़ियों की चिंपियाहट के साथ चछिया का भाहत रंभाना सुनकर हत्या के बाद की इस झजीय भोर पर भुरियों में गढ गया है एक. प्रश्न॒........« ये गुरगुराहुट इस भ्रन्तिम सहारे को भी लील जायेगी ? बूढ़ी अम्मा ने सहसा खोल दिया है द्वार श्रौर सहलाने लगी है अपनी खुरदरी चौड़ी हथेलो से तमाम लाशों को आंखों से पीने लगी है अपने लड़कों के कटे सिर बहुम्रों की नंगी जां्घे बेटियों की चिथड़ा छाती बच्चों की दबी कसी गदेंनें झ्ौर बाबा की बछिया से मिलती जुलती आंखें खुले द्वार से उसने प्रेक्षाइह का शूल्य 95




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