विस्मृतिके गर्भमें | Vismratike Garbhamen
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13.28 MB
कुल पष्ठ :
218
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about राहुल सांकृत्यायन - Rahul Sankrityayan
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भी मेरे ही द्वारा । मुझे स्मरण है कि उस समय मुझे कितना श्राश्चय हुश्र। था जब कि मेंने वहाँ बारहवें राजवंशके समयमें थेबिसके राजकुमार सेराफिस- का नाम फिर पाया । यहाँ इस बातकी एक आ्रौर साक्षी थी--यदि इराके देग्वनेके लिये मर पास रख होती--कि सेराफिस इथ्योपियामें दफनाया गया था क्योंकि बार- हें राजवंशके शासनकाल हीमें थेबी सम्राटोंने मध्य अ्रफ्रीकाकी बड़ी भीलोंकी तर दक्षिणके जंगली प्रदेशका श्रधघिक भाग विजय किया । बल्कि पेपरसका एक श्रत्यन्त सुपाख्य भाग एक यात्राका भी बणन करता है जिस यात्रापर स्वयं सेराफिस फरऊनकी ्राज्ञासे गया था । यह यात्रा मेरोसे दक्षिणुकी श्रोर श्रथात नदियोंके संगम--जहाँ द्राजकल खतंम शहर है --के उसपाग्को श्रोर हुई थी | पेपरसने यह भी सूचित किया है कि सेराफिसका समाधि मितनीमें है । और में सिफ एक मितनी या मतानियाकों जानता था जो कि मेम्किसके दक्षिण नाइफके नोममें है । यह निश्चय है कि कोई भी धवीय सर्दार वहाँ नहीं दफ- नाया जा सकता । श्र विशेष वात यह थी कि दूसरे स्थानपर उसका नाम मितनीहूर्पी लिया गया है । इस प्रकार एक बार श्योर सेराफिसकी समाधि- भूमिका सम्बन्ध नील के देवता हर्पीसे जोड़ा गया है । इस विपयमें श्रागे बढ़ने आर गोबरैलाके रहस्यकी श्र ध्यान दिलानेसे पूव जो कुछ सामग्री गोबरैलाके नालन्दा-संग्रहालयम पहेँचनेसे पहिले मेरे पास थी जरा उसपर विचार करना चाहिये । थेब्रिस राजकुमार सेराफ्सि अपने महान् कोपके साथ मितनी-हर्पी नामक स्थानपर दफनाया गया ्ौर यह स्थान न किसी मिश्र-तत््ववेत्ताकों मालूम है श्रौर न कहीं किसी प्राचीन या अ्र्वाचीन नकशेपर उसका चिह्न है । तथापि यह माननेके लिये कई कारण हैं कि यह स्थान इथ्योपिया देश--जिसे द्राजकल सूदान कहते हैं--में कहींपर है । अरब गोबरेलेकी बात देखनी है। में ठीक तारीस्व नहीं बतला सकता किन्तु वह विचित्र प्रातःकाल मुझे अब भी अच्छी तरह स्मरण है | में नालन्दा- संग्रहालयके अ्रपने कमरेमें कुछ चित्र-लिपियोंकी तुलना कर रहा था उसी नस है हैं पल
User Reviews
No Reviews | Add Yours...