महा परिनिर्वाण सूत्र | Maha Pari Nirwan Sutra

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Maha Pari Nirwan Sutra by राहुल संकृत्यायन - Rahul Sankrityayan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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महा परिनिवांण सूत्र ( राहुल साकृत्यायन ) *[ मारत के पतिद्ध श्रोर अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वान महा परिढत - राहुल सांझत्यायन ने अस्तुत पुस्तक 'महा परि निर्वाय सूत्र! एक साल पूर्व 'शोध- पत्रिका? में श्रकाशनार्थ भेजी थी, परतु उत्त समय इसका प्रकाशन नहीं किया जा क्षय श्रौर इसके साथ वाली दूसरी पुस्तक महावदान पृत्र प्रथम? का प्रकाशन कर दिया गया था। “महा परिनिर्वाण सूत्र! भीर 'महावदान पूत्र प्रथम? को श्री राहुलजी ने चौनी सापा से श्राप्त किया है। हजारों वर्षों पूर्व जिन अन्थों की की रचना हमारे इस देश में की थी, काल के प्रवाह में श्रधिकाश खो गई श्रोर श्राज हमें हमारे हो मर्न्यों को किर से आप्त करने के लिये देश विदेशों की खाक छावनी पढ़ती है | महा परिढत राहुलजी ने इस ज्षेत्र में देश थ्ौर साहित्य की भ्रत्भुपम सेवा कौ है। चीनी भाषा से प्राप्त कर सस्क्ृत में इसका फिर से शलुवाद किया है | इसी प्रकार से श्रगर शोध-खोज की जाय शोर हमारी दृष्टि व्यापक रूप मे फल ज्ञाय तो मिस्र प्रकार चौनी से यह पुस्तक छोजी गई है; उसी प्रकार मिश्र, यूनान भादि एशियायी देशों के श्रतिरिक्त योगेपीय देशों में सी हमारी आचीन साहित्यिक निधि प्राप्त हो सकती हैं । प्रस्तु पुस्तक का 'शोध-पत्रिका! में तो अक्शन किया ही जारहा हैं पल्तु इसकी श्॒लग से पुस्तक के रूप में मी कुछ प्रतियों निकाली जारही हैं । महा- पण्डित थी राहुलजी इसके लिये श्रप्तिनदनीय है । --सम्पादक ] सारत की विशाल साहित्यिक निधिका एक काफी महत्ववूरों भाग मूल से लुप होरर अब्र चीनों और तिव्वती भाषा के अनुवातों में द्वी खुर्तित के




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