बृहदसराजसुन्दरं | Barhadsarajsundram
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
39 MB
कुल पष्ठ :
560
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बृहद्रसराजसुन्दर अनुक्रमणिका
;
प्रु०
६२४
१२२
पिनाक
ददुर
नाग
बच्चाश्रक
दिगापरत्व अश्रक
भूमिलक्षण 9)
मारणाथे श्रश्नक लेनेकी विधि ,,
अश्युद्ध अश्रक मारणकें ठोघ३२६
ऋष्रक शोवन $
बान्याश्रक करण विधि
अ्श्रक्त सारण धिधि
१० पुट्की भस्म
६० पुटी भस्म
४१ पुटी भस्म
सफेद अश्रक्की भस्म
सहस्त पुटी भस्म
8 ।
97
919
35
१
१९८
ते
9१9
१३०
३२
कार्यपरत्व पुट सख्या. १३४
साधना और पुटोक्षा निर्णय १३४
अभ्रकसत भसस्मकी परीक्षा
अम्तती करण
सताभ्रकके गुण पक
अभ्रक भस्म के अनुपान १३९
अभ्रक सत्वकी विधि
|
हर
१३६ ।
सत्वयकणोको एक्न्रक्रना १३७ |
अभक सत्यको साथा विधि |
अभ्रक सत्व का शोधन ,,
श्रभक सत्व का सारण ६३८
सत्व का मद (नरम)क्रना ,,
अनेक्द्र तियोकोमिज्ञापक १७१ |
ह तियो वो दुर्घेट्व कथन ,,
अभ्रस्की वेधी फ़िया हा
अभ्रकु से पुट देनेफे गुण १४२
शअ्रश्रस्कत्प मी
छ.म्नफ सेवन में अपथ्य ५४३
अपक अश्नक भच्ण के दोष ,,
उस दोषकी » एत्ति
विषय
हरिताल
दरिताल के भेद
पिडतात्त
पत्रत्ताल
गोदति
कदाली 9
सारणयाग्यद्रितालफेलक्षण ,,
हरिताल के गुण
श्रशुद्द हरिताल के दोष
नाम भेद कथन
दरिताल श धन
हरिताल सारण
भस्म परीक्षा
भस्स के ग्रण
हरिताल के अ्नुपान
दरिनाल सत्वक्ों विधि
सत्वके गुण आर अनुपान१७८
दरिताल की योजना
अशुद्ध इरिताल के बोष ,,
>जझुद्ध दोषो की श्ाति १६६
तथाद्रिताल भच्ठण॒सेपथ्यापथ्य
अंजन ( सुरमा )
अजन के नाम
अजन के भेद
सोवीराजन
रसाजन
सखोत्ाजन
पुष्पाजन
नी लाजन
झ्रजन शुद्धि
श्र जनसेसत्वनिकाल ने की
विधि
०
१)
।
१९
१3
भ्द््ह
३१
१9
१६१
होराकसीस
हीराकसीस के सेद
शोघन
4५/७ |
पछुछठ
पद्र
६६३
हक.
| विपय
हीराक्सीस सेवन
दीराकसीस के गण
होराफ़्लीस का सत्वपातन
गेर्कि (गेरू )
गेरिक शोधन
गेरुके गुण
पारेम मिलाप करना
उपरस
डपरसों का शोधन
हिशुक्ष बनाने की क्रिया. ,,
हिगुलके भेद ९६७
त्रिविच हिंगृलके न्यारे ? भेद ,,
हियुल शोधन
। दिंगुल मारण
दूसरो विधि
मतातर से शोघन
। हिगल्पाऊ
दिगुलमारणकी चतुर्थ विबि1६७
दिगल क श्रजुपान आर गुण ,,
दरद ( दिगुल) के गुण. ,,
अशुद्र हियुल क्दोष. १६८
अशुद्ध िछलफे दोषोंकी णशाति,,
टकण ( सुद्दागा )
सुह्दागे के भेद
सुद्दागेकी शुद्धि
१
- अजीत
सुद्दागे के गुर
अशुद्ध सुद्दागे के दोष
तुरटी (फिटकरी)
|
|
1 १६६
क् फटक्रीके सेठ
|
|
१६६
टकरी का शोधन
सर्वपातन
फेटफरी के गुण
मनसिल्त
सतलिलकी निरूक्ति
मनमिल के भेद
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