कल्याण [गीतातत्त्वांक] | Kalyaan [Geeta Tatvaank]

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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दुर्गतिनाज्िनि दुर्गा जय जय; कालविनाशिनि कालों जय जय | उम्मा रमा अक्यापी ज़य बय। राधा सीता रुफिमेणि जय जय | साम्व संदाशिव साम्व सदाशिव साम्ब सदाक्षिव लय शंकर । हर हर भंकर दुखहर सुखकर, अपतमहर हर हर शकर॥ - हरे राम हरे राम राम राम दरे हरे । हरे कृष्ण दरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे दरे॥ जय जय हुर्गा जय मा तारा | जय “गणेश - जय शुभ आगारा ॥ जयति थिंवाशिव जानक्रिराम | गौरीशंक! .... सीताराम जय रघुनन्दन जय सियराम । प्ज-गोपी-प्रिय_.... रोधेश्याम ॥। रघुपति राघव राजा राम । पतितपावन .. सीताराम ॥ [ प्रथम संस्करण ५०६०० ] हैएणणव्त एए एल जि/8ल०४ ० ?7ए॥० ा॥7ए८ांण, एआऑ|०व शि०णं॥1०७, जि, 00888, ह$8४॥), हिजगा8ए ?6भंतेशा८ए बाप (था/०। ?27०एांआट८5 कोई सजन विज्ञापन भेजनेक़ा कष्ट ने उठावें। कल्याणमें बादरके विज्ञापन नहीं छप्ते। समालोचनाथे पुस्तकें इुपया न भेजें । पग्रालोचनाका सम्म नहीं है | : जिकथंशा आशलांएएंगा: 0एएएदों 10 शाएवइ5, छा बएर्ब्राप६ 9 59, छ०फते 10 9. - ',. फफंगबएए 18868 7 28, 80, , का कि का जय पावक रवि चन्द्र जयति जब | संत चितू आनंद भूमा जय जय. * | सुल्य तीसों का! नमामि जय जय विश्वसुप हरि जय | जग हर अखिलात्मन्‌ जय जंगय॥ +ददका .(+० बिल) | ... जय विराट जय जगसते। गौरीपति. जय रमापते॥ पल दा ०१ 097 मं, 9, ए06087 ध्यत 0. 1,..909जञ1ई है. 8., 81897 ि शिणक्ष 210 750९6 97 धाशाइशएश्आव॥5 [9 ॥ 06 (अंध शह७, 9०४ं८1७४४ 0.९ (0,




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