प्रश्न शिरोमणि | Prashant Shiromani

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Prashant Shiromani  by रूद्रदेव - Rudradev

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भाषाटकासहितः । १७ यदि शनिमंदनेशननिजस्लगु्मतिनवांससुस गुरुतस्पगः ॥ विधुभतों द्वितये तपनस्ततः शानिरतो धनिजो यदि तस्कर1१दो। यदि शाने सप्तम, मेगल राहु 2 1 ९। १२ | ४ में होबें तो गुरुतरपग शोता है और यदि चंद्रमाकी राशिसे द्वितीय सूथे, सूयेसे द्वितीय शनि, शनिसे द्वितीय मंगल होवे तो चोर होता है ॥ २८ ॥ बुधकुजी सबलों रिपुभावगों यदि निकृत्तकरः किल तस्करः ॥ सगकुजश्र कुलीरशनिस्तनो भवत्ति दस्युविधिरसिसण्डित ॥ २९॥ यदि बुध, मंगल वली होकर छठे घरमें होवें तो चोरीके कमेपें उस पुरुषके हाथ कट जाते हैं | मकरके मंगल और करके इनेथ्र छप्ममें हों तो वह मनुष्य चोरीके करेगें तलवारसे कट जाता है ॥ २९ ॥ हे मिथुनमीनधनुष्कलशे खा अशनितो मरणाय कुभेष्ठितेः ॥ वरपुषि विभिलवे व वतुश्येंदुहशिते दृपजोध्प्यतिनीचकत्‌ ॥३०)। मिथुन, मीन, धनु, कुंभ राशियोंपर पाप ग्रह होवें करनेमे मृत्यु होती है और जो लम्ममें बुधका द्रेष्काण केंद्रस्थ चंद्रमाकी इृष्टिपत देखा गया हो तो राजवंश पेदा हुआभी अतिनीच कमे करनेवाला होता है ॥ ३० ॥ मदकुजः खविधुद्धितये रेयेदि शनिश्र तदोनतनुर्नरः ॥ यदि परस्परनंदलवोपगो रविविधू मिलितो च दरिद्वितः॥३श॥ यदि सप्तम मंगल, दश्म चंद्रमा, सुयेसे दूसरे शनेश्वर होते तो चह पुरुष होनशरी रवाला दुबे होता है और जो चंद्रमा सूर्य परस्पर एक दूसरेके नवांशमें अथवा एकही घरमें स्थित हों तो दरिद्री होता है ॥ ३१ ॥ हि हि यदि खलान्तरगो विधुरक्कजः स्मरगतो विकलात्मनरों भवेत्‌ ॥ उदरगुर्मकफक्षयरोगतः प्रकथितो मुनिरभिर्निजबोधतः॥ ३२॥ यदि चंद्रमा पाप प्रद्दोंक्े मध्यमें और शनेभर सप्तम स्थानमें इंबे तो वह मतुष्य उद्रगुरम, कफ, क्षयी आदि रोगोंसे बिक शरीरवाक्ा होता है। ये योग सुनियोंने अपने जञनसे कहे हैं ॥ ३९ ॥ 5 मैं किमिति प्रश्न विचार। । तिथिप्रहरवारक्षयोग एकोनितो हतः ॥ सम्रमिविषपे दोषे पुत्रः पुत्री समे भवेत्‌ ॥१॥




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