भविसदत्त तिलकासुन्दरी नाटक | Bhavisdutt Tilakasundari Natak

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Bhavisdutt Tilakasundari Natak by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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देह 5 एक्ट है जिस पुत्र के होते हुवे माता दुख पाए-वह पुश्र नहीं महज मिट्टी की नारा तसवीर है-इनिया में वे इज्यत पथ वे तोक़ोर हनमगर कया करू लाचार हू-इपा पिता उचा माता | (और) चरणों में कमल के वह आप सर झुकाएगा ॥ करके जो ऐसी में न दिलाऊं दिलावी । मुझको कमर का पुत्र न कहना कभी कोई ॥ ( चा नाना छपडाऊ राधा 5 सान दे ६ परिाघददाघताएात ( गाठार दा परदा ) चुदूच का याड़ार में रूड़े छुवे नजर थाना-पम्पा ये पेपर दो जाएं का थाना जीर वात चीत करना-याएनों का दाना देना दमूरभ का घारमा यार चढ़ा शान और सफ़! का इस” करना फल




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