तत्वअर्थ सूत्रं | Shree Tatvarthsutram Part-2
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
72 MB
कुल पष्ठ :
894
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)५
डे
२४ दशशनप्तोहनीय अन्तराय कम के उदय से
.अमण में दर्शन और अछाभपरीपहकी उत्पत्तिका निरूपण छू, १३ २३२-१३४
३५ चारित्रमोहनीयकर्म के निमित्त से होनेवाले
सात परिपहोंका कथन सू० १० २१५-२३८
*२६ चेदनीयकर्म के उदय से होने चाछे
_* '्यारहपरीपहों का कथन सू० १५ २३९-२४२
“२७ एक जीव को एक ही काछ में होने वाछे
परीपहों का कथन सू० १६ २०२-२४७
>>» २८ हिसादि से निवृत्ति आदि त्रतों का निरुपण छू० १७-२४ २४८-२५०
>/ “२९ हिंसा के स्वरूप निरुपण छू० २५ २५१०२५७
८८३० मृवावाद का निरूपण सूं० २६ २५७-२ ६५
£० ३१ 'स्तेय का स्वरूप निरूपण स्ृ० २७ २६५०-२७ १
३२ मेंथुन का निरूपण सृ० श८ २७१-२७३
४” ३३ परिग्रह का निरूपण छू० २९ २७३-२१८५
# ३४ पांच अणुत्रत का निरूपण छू० ३०-३७ २८७-२८७
५7 ५ मारणांतिक संलेखना का निरूपण छ० ३८ २८८-२१९५
३६ सम्पर्दृष्टि के पांच अतिचार का निहपण छू० ४०० २०९६-३१ ३
*' ३७ अजुव्रत एवं दिखत के पांच अतिवारका निरूपण छू० ४१-४२ ३१४-३२१
' “ “३८ तीसरे अणुन्रत् के स्तेनाहवादि पांच
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अतिचारो का निरूपण सू० ४३
ु ३२१४-३३ १
”. ३९ चोथे अणुव्रव कै पांच अदिचार का निरूपण छू० ४४ ३२३-३ श७
151 5७8७ पांचवे अणुव्रव के पांच अदिचार का निरूुपण छू० ४५ ३३८-३४५
'४१ दिखिरत्यादि सात शिक्षात्रत के पांच पांच
' अतिचारो' का निरूपण सु० ४६ ३०६-३५१
४२ उपभोग प्रिभोग परिमाणवत के अति
चारका निरूपण छू० 9७ ३५२५--३५७
[| निरूपण छ्ू० ४८. ३५६-३६४५
निरूपण सू० ४९ ३६४-४३७०
का निरूपण झछू० ५० ३७०-३७७
| निरूपण सू० ५१ ३७७-३८२
हपण छु० ५९ ३८३-३८९
४३ अनंयद्॒ण्ड विर्मणत्रत के अतिचार क
४४ सामयिक्रत्रत के पांच अतिचारो' का
४५ देशावकाशिकतत के पांच अतिचारो'
४६ पोपधीपवासब्ंत के पांच अतिचारो' न
रैक बारहवे व्रत के पाँच अतिचार का नि
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