वसुनन्दि श्रावकाचार | Vasunandi Shravakachar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
27 MB
कुल पष्ठ :
236
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)स्व० पुरयश्लोका माता सू्तिदेवी की पविन्न स्घ॒तिसें
तत्सुपत्र सेठ शान्तिप्रसादजी द्वारा
संस्थापित
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जञानपीठ मूतिदेवी जन-ग्रन्थमाला
इस ग्रध्थमालामे प्राकृत, संस्कृत, अपंश, हिन्दी, कन्नड, तामिल आदि मराचीन भाषाओंस
उपलब्ध आगमिक, दाशनिक, पौराणिक, साहित्यिक और पेतिहासिक आदि विविध-विपयक
जैन साहित्यका अनुसन्धानपू्णो सम्पादूव और उसका मूल ओर यथासंभव
अनुवाद आदिके साथ अकाशन होगा। जैन भणडारोंकी सूचियाँ,
शिलालेख-संग्रह, विशिष्ट बिद्वानोंके अध्ययन-ग्रन्थ ओर लोकहितकारी
जैन-लाहित्य अन्थ भी इसी प्रन्थमाला में प्रकाशित होंगे।
ग्रन्थमाला सम्पादक-- ग्रिकुत और संस्कृत-विभाग |
डॉ० हीरालाल जैन, एम० ए०, डी० लिट्०
डॉ० आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्याय, एम० ए०, डी० लिखू०
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अकाशक---
अयोध्याप्रसाद गोयलीय,
मत्त्री, सारतीय ज्ञानपीठ काशी
दुर्गाकुण्ड रोड, बतारस ४
मुद्रक-देवताप्रसादं गहमरी, संसार प्रेस, काशीपूरा, बनारस
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फाल्गुण कृष्ण ६ सर्वाधिकार सुरक्षित ४ े
बोर नि० २४७० है १८ फरवरी १६४४
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