अयोध्याकाण्ड रामायण | Ayodhyakand Ramayan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Ayodhyakand Ramayan by चन्द्रहंस शर्मा - Chandrahans Sharma

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about चन्द्रहंस शर्मा - Chandrahans Sharma

Add Infomation AboutChandrahans Sharma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
पिन्ववाद ही शतब्रय अयोध्याकाएड का यह संस्करश प्रकाशित बिःयों। शया था। अध्यापक जी ने एक चिस्तृत भूमिका मे अकोक्षाकारा्ट ; सम्यंथी चरित्रों के चरित्र-घिश्लेषण द्वाया रामायय-क्राल क॑ सभ्यता का रहस्य भली धंकार समझाया है।ओर भी जमे सश्य बालों पर प्रकाश डाला है | आवश्यकीय टिप्पाणियों से यह संस्करण बहुत दी उपयोगी होगया हे ।शिक्षा-विभमाग युक्त प्रदेश ने ग्रपनी उदार सम्मांति ढ्वारा इस संस्कर ण॑ को अपनाया हैं; इस लिये में अत्यन्त कृतभ हूँ । सर्वसाथारण + जानने के लिये कर्मी की सम्मातति नीचे प्रकाशित को जाती हैं । हज मित्ति शुद्ध श्षामण ८ अनजर छं० १६७० विक्रमाव्द; । रत्नाथरम-भ्रागरा । &(.07?४ 07 118 ६:६5012,110 3 28 55177) 1४ 1 ध पि॥51 65581 81, ि।डाट] 11६ (5 हक वकव: 111%51- 80015 - (081 84 111717415, 0, 1?, मिटीत ता उस चि्ञाएं] 1920, 6. 1250 4 ई 16667 ४०, (0. -- 50 [)वापव #1ीश्व0स्प 10-4-20 “ 10519) 1२एएशागरयाए9101॥ 18001 0201. हद झा ०168 0 रिए्जिट्यएाः 1, 1छीठा 12955 6 ]04118 ९ि#10 |: है कक ह , 1 मज़ुरणच्टप टवीा110॥ ण (गत; रिवतिज्वत् ट्वीट एए शि,, ध्दाा [रजत उहउकानाह वो शत 15109 [आएचटाफिट्त 0 1525 ग्रिे्ररातंएएं (ताल 30107 परमागीाए़ टितिपड८5 सारे [., (, (1155४*, ) पिद्धाचा #0तीएचएचीोड5 बाएं 1, एजावापवाश सिशाडईड फीवाया॥, रिशाला) है धीमा, रैक, म् | 1 हे हु ई ड़ रु है ) 1 के पाए -+1३2/- सिएह +712/




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now