साम्राज्यवाद पूंजीवाद की चरम अवस्था | Samrajyawad, Pujiwad Ki Charam Awastha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
192
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१२,००० कम्पनियां हिस्सा ले रही थीं।* पर यह श्राम तौर पर मान लिया
गया है कि ये संख्याएं बहुत कम हैं। १९०७ में जर्मनी के उद्योगों
के जिन आंकड़ों को हमने ऊपर उद्धृत किया है, उनसे यह साफ़ है कि
ये १२,००० बहुत बड़े-बड़े कारखाने भी निश्चित रूप से पूरे देश में
खर्च होनेवाली भाप श्रौर बिजली की ताक़त के आधे से भी ज़्यादा
हिस्से का इस्तेमाल करते हैं। संयुक्त राज्य श्रमरीका में ट्रस्टों की
संख्या १६९०० में १८५ और १६०७ में २५० थी। अमरीकी आंकड़ों
में तमाम औद्योगिक कारखानों को उनके स्वामित्व के अनुसार व्यक्तिगत ,
प्राइवेट फ़मों या कार्पोरेशनों की तीन श्रेणियों में बांठा गया है। १६०४ में
कार्पोरेशनों की संख्या कुल कम्पनियों की २३.६ फ़ीसदी, और १९०६
में २५.६ फ़ीसदी (प्रर्थात् देश के कुल कारखानों की कुल संख्या के चौथाई से
भी अधिक ) थी। १६०४ में उनमें काम करनेवाले मज़दूरों की संख्या कुल
मजदूरों की ७०.६ फ़ीसदी और १६९०६ में ७५.६ फ़ीसदी (श्रर्थात् तीन-चौथाई
से भी अधिक) थी। उनकी पैदावार १६०४ और १६०६ में क्रमशः
१०, ६९०, ००, ००, ००० डालर, अर्थात् कुल पैदावार की ७३.७ फ़ीसदी ,
और १६,३०,००,००,००० डालर भ्रर्थात् कुल पैदावार की ७९.० फ़ीसदी थी।
अक्सर कार्टल और ट्रस्ट उद्योग की किसी शाखा की कुल
पैदावार का दस में से सात या आठ से भी अधिक हिस्सा अपने हाथों
में कर लेते हैं। १८६३ में जब राइन-वेस्टफ़ालियन कोयला सिंडीकेट
* [7 ३6556, 716 ब॑०६४52९४ 0/058067४72/ (दें 7772 (012217/5/170/77
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1४4» (जर्मेती के बड़े-बड़े बेंक और जर्मनी में आम अर्थतंत्र के विकास
के संबंध में उनका संकेंद्रण - अ्नु०), 4. &ए1., 1912, 5. 149; २०७९६ 1.श-
परध्ा), इरिदाएंट/४ दध्य 17प्रढ/ं3 ब्या्द 412 202४0 407॥8 ६४ 001/5977182/471 10727
02०४४६८४४०४७. (का्टेल तथा द्ृस्ट और झार्थिक संगठनों का और अधिक
विकास -अनु०) , 2. 8४1., 1910, 5. 28.
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