पाराशरस्मृति | Parasarasmriti

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Parasarasmriti by गुरु प्रसाद शर्मा - Guru Prasad Sharma

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about गुरु प्रसाद शर्मा - Guru Prasad Sharma

Add Infomation AboutGuru Prasad Sharma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
४ 3 कक इक पाराशरस्थुतिमाषाटीकाकी विषयानुकमणिकों । 'हािककमा-न लननममभक 3 >ननत«न्‍_नन-म नम वननपल दि न्‍िन्‍कऑ २बजब्- अइ)जी: न वि डक 1 नि 1 विषय, - -. पष्ठोक: पर . खूध्याय ६... . . रु ही खेध्याथ हि 2 शा बदकम फरनेसे ज्राक्षणोंको सोरुम- | काठ आादेके “बनाये पात्रोकी : छाम, अतिथिरूत्कारका फक | जद जैर रजंस्वछा स्त्री परस्पर. ४ जोर सांगान्यठाले वणे चु8- स्पर्श करें तो उसफा प्रायख्ित्तः .. अंडा को का - फू - है आह से अध्याथ २ हर हा कलियुग ग्रृहस्थ के जावश्यक* अकामस चेघन सादिम गा मरजाय ; करमोंका साधारणतासे कथन १४ “उसका प्रायश्िंत . ...... ' ५ - अध्याय 8. .. . .., अध्याय '९ अननेम्रणके जशोचकी झुद्धिका.. | भर्लीमाति ,गौंकि.- रक्षा करनेकी का हा 7४६८ | .इच्छासे -बंधिते गा रोकनेमें ट अध्याय १ ड पा शषतैंमान से वाअतिक्रोधादि मरे- 1 | व ही डक है । हुये स्त्री पुरुषों का दांह आदि 5 -आशादकतत नि 1 करलेग भायाल्षिस, वधकुच्छे का की :7० - अध्याथ १०. : है 'कक्षण और पंरिवेदनादि.'.... * अगम्यज्ञी गमनका चार्रों बर्णोकों, -: . दोषका विचार , ४० २८ शाज्य प्रायश्ित्त सम घ् . खाध्याथ ७ मा हक ५. 21“ वा ३३ ः मेद्धिया कुच जआादुत काटनेमें' जग न 5 ० शुद्ध; चांडालादिसे मरिहुंए. .. . . अशुद्ध वीयआददि. पदुंथिके मक्षणमें ४ ब्रोह्नणके देहका स्पशे करनेमे ....' न्‍े _ आ्रोयश्ित और अग्निदोन्नीका-- 5. देशान्तरमें मरणहाग्र तो उसकी / 7 क्रियाका .विचांर .. - हेड रे अध्याय ६५८. / माणियाकी (दँसाका प्रायश्चिंतकन ३:८'| प्रायाश्चत्त -आऔर' शूद्रात्नमंक्ष अर्म त्राह्मणका. प्रायाश्वत्त है ही छध्याथ १२८ : विष्ठी-यंत्र: आदि मंक्षणमें प्रायश्मित आर बाह्मंणहल्याका “ श्रायाध्यत्त रा हट कु १ 3 शंत्ते पराद्वर स्मातिविषधासुकसाणकं संमाप्ता ॥




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now