सचित्र महाभारत भाषा | Sachitra Mahabharat Bhasha Tika Ank-v

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पिपयानुकमणिका [ग] अध्याय विपश्न प्रष्ठ | अभ्याय विपय पर्प्ठ १८१. युधिप्ठिर का नहुप से उपदेश लेना २२९७ २३०४ | १९९ राजर्पि इन्द्रयुन्न की कया ।_ २४०७ २४१० १८२, पाण्डवों का काम्यक यन की जाना । १३०४-२३ ०६ | २००, अनेक प्रकार के धर्मों का वन । २०१० २४२७ १८३. श्रीरष्ण का युधिष्ठिर क पास आना। २०१, राजर्पि घुम्धुमार के उपाख्यान का श्रीकृष्ण के कहने से मार्कण्डेय । आर्मम । २४२७ २४३१ मुनि का पुरण कथ] कहना । २३०६-२३ १८ | २०२. उतझ का राजा वृहृदश के पास १८४. भरिएनेमा और देहय वी जाकर धुन्धु देत्य को मारने की राजाओं के सबाद का वर्णन । २३१९-२३२२ प्रार्थना करना | २४३२-२४३५ १८५, अञि ऋषि का उपाएयान | २३२२-२३२७ | २०३ मधु-कैदम का वृत्तान्त । २४३५-२४३९ १८६ परसती और ताद्ष्य का सयाद | २३२० २३३१ | २०४, धुन्धु देत्य का वध। २४००-२४४५ १८७ चबस्वत गनु और मत्म्यावतार २०५, पतिप्रता-माहत्य के सम्बन्ध में का डपास्यान | २३३१ २१३३८ । युधिष्ठिर का प्रश्न । २४४५-२४४८ १८८ सत्ययुग आदि चारों युगगों के २०६, कौशिक और पतिम्रता का घर्म का वर्णन प्रल्य का वर्णन | २३३९ २३५७५ जेगरपान ॥ २४४८-२४५४ १८० बास्मुउुम्द का मार्कप्डैय मुनि को २०७ कौशिक आर धर्मव्याथ का संवाद |२४५४-१४६७ उनके प्रश्नो का उत्तर देना । २३५६ २३६३ ६०८, दिंधा के बारे में पर्मव्याध का १०० कऋशियुग के उत्यों। का वरन । २३६३-२३७४ | उपदेश। 29६७ २४७२ १०१ यृपिष्ठिर का भार्वण्डेय का धर्मों २०९, घर के मादह्ात्य का वर्णन |. २४७२ १9८० पदेश । २३७५ २३७० ९१० इन्द्रियनिमद और मद्नविद्या का ०२, वागदेयनस्ति का वर्णन | २३७९-२३८९ बशीन 1 ३... 1. औट8:7४ 2३8 १९३ बक और दारुम्य का बृतान्त | २३८९ २३५९० | २११. पच्चमहायूत्तों के गुण का वर्णन । २४८३ २४८७ १०४, राजा शिग्रि का मादत्य । २३९० २३९५ २१२, माया के ठीनों गुणों क। वणन] २४८७ २४८८ ०७, राजा ययाति का माहात्म । २३९६ । २१३, आत्मा के तत्त्व का वन 1. २४८८-२४९४ १९६. राज! सेदुक और वूयदर्म की कया। २३९७-२३०९८ ११४, माना पिताकी सेवा और माहात्ूय १९७ राजा शिविकी कथा । र३०८ २४०२ का वर्णन । २४९४ २४०८ १०८, गजा थिवि के गाड़ात्म्य का बणन। २४०२ २४०६ रे१७ धरमय्याघ के पूर्व जन्म का बूतास्त1 २४५८-२५००




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