वाल्मीकीय रामायणम | Valmikiya Ramayanam
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15 MB
कुल पष्ठ :
836
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बालकाण्डय १। १६॥ ३
इक्ष्वाकुवेशप्रभवो रामो नाम गुणाकरः । [<पू
११] एतेरम्यधिकेश्वेव' गुणयुक्तो महाद्युतिः ॥ १२५ ॥'[ए
संयतात्मा प्रधुतिमान धृतिफन् गुणवान वशी। [<उ
१२] बुद्धिमान नीतिमान वाग्सी धीमान् शह्॒निबहेण; ॥ १३॥॥[९पू
विशालाक्षो' महाबाहुः कम्बुग्रीवो महाइनु!॥ [ऐड
१३] महेष्वासो मशतेजा गृठहजचुररिन्दमः ॥१४॥ [१०पृ
आजानुबाहुः सुशिरा बलवान ' सत्यविक्रमः' | [१०उ
१४] सम। समविभक्ताड़4 स्िग्धवर्णः प्रतापवाव ॥१५॥ [११पू
पीनवक्षा' विशालाक्षो 'लक्ष्मीवान.कुलनन्दन+ * । [१९३
१५] धर्मज्ञ। सत्यसन्धश्व जितक्रोधो' जितेन्द्रिय/' ॥१६॥१२पू
१. भ०-पूतेश्वाश्य ० । प्र प+-पुतेरप्य ० ।
२. थघ छ--महामतिः |
३. प्र--छोके पूर्वांपराधेष्यत्ययः ।
४. प्र--नियतात्मा ।
५, तें छ श्र भर द-महात्मा च।
६. तकशञ्म पभ ट--अतिमान् ।
७. छ--अऔतिमान |
८ बतलप्रषभ ठ-ल्श्रीमान् |
९, ब--विपुकाक्षो।. त छू भटद--बिषुकांगो | प्र प-विपुछांसो ।
१०. प--सुमुखो ॥
4 १. प्र--सुक्षछाठ। । '
१२. प्र--सुविकसः | *
१३. त--विज्ञाढाक्षः पीनवष्मो । प्र पभ ट-विश्वाक्ाक्ष: पीन्वक्षाः ।
१४. त छ प्र प भ 8--घ्लुमरक्षणः ।
१५७५. ज--जितात्मा च। प्र--अजाजं चच। .
१६. प्र--ह्विते रतः ।
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