आचारांग सूत्र [भाग २] [अध्याय २-४] [श्रुतस्कन्ध १] | Acharanga Sutra [Part 2] [Chapter 2-4] [Shrutskandh 1]

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Book Image : आचारांग सूत्र [भाग २] [अध्याय २-४] [श्रुतस्कन्ध १] - Acharanga Sutra [Part 2] [Chapter 2-4] [Shrutskandh 1]

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about घासीलाल जी महाराज - Ghasilal Ji Maharaj

Add Infomation AboutGhasilal Ji Maharaj

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
२३ भा यूतो नतां पदेदी ब नकरे भद्ारब्भीने। सस्कृप, जर्धभागभी, दिच्दी वया जुबरापी भापाणों 0परना गयाधारण हआसु «णाएं जाये ऐ म्मेह पछ भाक भछाराण्थीयी ब्जनणी, नथी, जापले नणीरे डीजे हे थे यहो वध्य लते अष्भ औैरना छ तेनी १९७ ५ भीर, न्यापह लनेश्ठरनने तबसुपर्शी छे, हाट गन जने सर्वभाक्ष चूतोव भाषांवर पू पायीदाव७ भजाराब फेपा ठस्ज दोदिया भुनियक्ने दाये बाय ऐ हे जापनुं सडशाज्य छे, यतपाई जने भोविहवाएना बा बभानाभां ब्त्यारे पभीजावना श्योसरती ब्वय छ शेने वणते जप वत्तराव शप्यातिएतामी भरेदा चतोचु सरण भाषाया जापतर ६९३ 2२ सु भुभु8 भने सापहने भाज६शौ४ पर प3े तेम छे बीत जने देनेतर, पिद्वान म्भने साथाशण ऋणुस २४७ भने झावह इरे४ने सभः/छु पडे तेवी सफट, उत्ता सने शुद्ध शापाभा धूतो बणवाभा जावयां छे मराशबणभीने त्यारे लेप से त्वारे तेभवा सहयोग सह्णामेदा जेए॑थे छीश, से ठपरथी भुनिश्वीना परिक्रभ ने घशशनी ३६पना 3री शह्यय तेभ छे तेभवु वन सुनोभा बाएं भथु ७. भुनिध्दी जा ब्जयापारणु बाप मा पिताना हिभ्येने। तश पाउतोने। सर ॥ए भण्पे। ७ भने २४श छे हे के ४९७ शु३४ २ भुस्ततोने पेताना धर्मों बच्चापशे लेने पेताना छपतने साथ सुणमे भाजे' वाणरे ते! भद्धाएकभीशे बह्षपेही अभ सपूणुप्णे सशण परे. औ रसितछाव अस्तुस्य ६ जांधी ब्मेभ, से, समेत, शत, णी, पर्मनदस७७ ऐे।बेण शकड1<. ( श्रौर2 ) सुलभ खने घाल्झेपरभा[ भणेत्षी सलाम स्िनासर पे) न्हैरेन्स तथा चधु समेहनभां भे्लापेब हराव है ३6 %? कणते श्री, व्येतागर प्व्णवाशी कै स४ भारे जाजभ सर! घन ब्यने स्पतज टीडापाणा शाश्रोछ्षाए्नो अति म्मापश्यकछ्। छे ब्छने बे भदथनापेण्मे माषाव रोएधुप्टथी पढेब्ी पाना भजव्टमा दा ते पाए पाउवा मछेनव 6४ रहा छे पेष! थुनि भदायान पारित: ५ 14110 हे कभोने आईही नजिपेशमां सर्पाजुभते सिम मंत्री ०७ है 3३३) रेजरेण नीषे न. भा. २ने, सब बेन धाज८1२ समिति २ ज+ भाटी बजषाणी बभियी 9 तेनी मारते शम मर् पु 9 >ने अधानाथारआ तथ भभप भतरीभी




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now