अथर्ववेद भाग - 4 | Atharvaved Bhag - 4
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15 MB
कुल पष्ठ :
572
श्रेणी :
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No Information available about श्रीपाद दामोदर सातवळेकर - Shripad Damodar Satwalekar
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)४४१८,
अथर्ववेदके सुभाषित
सूक्ति-संग्रह
विभाग 8, काण्ड ११ से १८ तक
इस चतुर्थ भागमें काण्ड १$ से १८ तकके सुभाषितोंका
संग्रह है । इसमें कुछ प्रकरण हैं । वघ्तुतः इस विभागों
प्रकरण विसागरसे ही काण्दड विभाग हैं। इसकिये सुभा-
प्रित भी प्राय, उसी ऋमसे दिये हैं। कुछ सुभाषित उनके
अर्पोके बुसार हधर उधर किमे हैं। शेष काण्ड विभागके
अनुसार ही रखे हैं। प्रथम ईश्वर घिंपयके ुनापित देखो--
ईश्वर
उच्छिए्ट द्यावाएथिवी विश्वे भूत समाहित॑
( १॥७२ )-- इंखरमें यु, शायेवी तथा घो बना
है बढ सब पिश रद्द है
क्रफ्लाम यजुरुच्चिछ्ट (११७५/५)-- ऋतेद, सामवेद
भौर यहरेंद इस ईश्वरमें रद दें । क
मय भूमी! समुद्रा उच्छिप्रेन्धि श्रिता दिवः
( ११७७४ )-- नो सूमियाँ, छव समुद इंशरके
आधारसे रहे हैं । |
ऋते सत्ये तपो राष्ट्र थमो घमेश्व कर्म चर भूत
अविष्यदुच्छिए थी छक्ष्मीयंल पके
( ११७१७ )-- हत्म, ऋष, सप, राष्ट्र, धम, घम,
कम, सूतर, सविष्य, थौये, छद्टमो, पलिए्ठका बह
यह घब परम्रेश्नाके भाघारसे रहा है ।
यश प्राणति प्राणिन यच्च पद॒यति चश्षुपा। उच्छि्टा-
अआप्विंर सर्वे दिवि देवा दिपिधिताः
(१५९२३ )--जो प्राणते जीवित दे, जो कांलसे
देखता है, जो दुशोकरमें पा अम्पप्र देव हैं ये सप
दरमेधरसे रधपच्र हुए हैं |
हैं [अयर्े. प. मा. ४]
ऋचः सामानि छन्दांसि पुराण यज्जुपा सह।
उाच्छिशज्ञाशिरे से ( ११७२४ )-- ऋग्वेद,
सामवेद, छम्द, यजुवेदके साथ पुराण थे सब परमे-
श्ररसे बने हैं । *
प्राणापानों चक्षु, श्रोममश्ितिश्व ख्षितिश्व या।
उच्छिशज्ञाहिरं सर्वे ( ११।५३५ )-- गण,
अपान, झोख, कान, भौतिक तथा कभातिक पदार्थ
ये सब परमेश्वरसे बने हैं )
आननद्रा मोदार भमुदो5भीमोदमुद् शव ये। डच्छिण-
+ औछिरे से ( ११०२६ )-- मानंद, मोद,
विद्येप भागन्द, प्रश्वक्ष लानाद, सुख ये सप परमे-
श्रसे दी बने दें
देवाः फितरो पा न्धर्बाप्सरसभ् ये। उच्छिए-
झक्षिरे से ११७२५ )-- देव, पितर, मजुष्प,
गधवे, हुप्सराएं ये स्व परमेशचरसे शमी हैं ।
यो रोदितो विश्वम्रिदं जजान, स सवा राष्राय सुभूत
विमतु ( 1३८४) )-- जिश्त देवने यह घम उत्पष्
किया पह मुझे इस राष्ट्रके लिपे ढराम् माण-पोपषण-
पूरक धाएण करे 1
चावाएशिवी जनयन देव पर ( 4$1क्1२६ )-- छु
मौर प्पियोदा इनानेवाछा एक देद है ।
य इमे चावापूधियी जजान यो द्ायि झत्या मुय-
नानि बस्तें ( 18181 )-- जो यू भोत प्र्याशे
वत्प् करता है क्षौर ओ सब भुवनोंकों क्षपना
चोछा बनाकर पहना है ।
यो माप्यति प्राणपति, यम्मात् भ्राणम्ति भवनानि
पिश्वा ( १३७३ )-- शो जीवित रघता दे और
मारठा है, जिपप्े पद मुश्न जीविएठ रहते हैं
न
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