सुन्दर श्याम हमारे | Sundar Shyam Hamare

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Sundar Shyam Hamare by गिरिधर डागा - giridhar Daga

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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॥४॥ कृष्ण ताता धैया नृत्य करे, कालिय के फन, श्याम ताण्डव स्रो नाच करे, कालिय के फन॥ कालिय नाग बसे यमुना जल,जहर मिलावे कालिन्दी के जला॥ कृष्ण वाता......॥४॥ कालकूट दूषित निर्मल जल,विष हरने को कर लियो मन॥ कृष्ण वाता, ... .॥२॥ खेलत फेंकी गेंढ नढी में, कूढ पडयी आनन फानन॥ कृष्ण ताता. ... ॥३॥ कालिय झपट पड़्यो कान्हा पर, बांध लियो प्रभु नख शिख तन कृष्ण ताता ......॥४॥ नंद यशोद्या सखा सखी सब, अकुलाये बिन चिते मोहन॥ कृष्ण ताता, ....॥५॥ कृष्ण मुक्त हुए पलछिन में, कूद चढ़े कालिय के फना। कृष्ण ताता ......॥६॥ नाथ दियो कालिय एक पल महुँ, नाम पड्यो है कालिय दमन॥ कृष्ण ताता.. ....॥७॥ नागिन करे पुकार प्रभु से, दया करी है, मनमीहज॥ कृष्ण ताता.......॥८॥ गिरधर' प्रभु की छटा निरख कर, हरखाये सब बृज जन मन॥ कृष्ण ताता ... ../21/ सुन्दर श्याय हमारे द्वाज।




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