श्रीमद्भगवत | Shrimad - Bhagwat
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
72 MB
कुल पष्ठ :
1004
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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अध्याय चिपय पृष्ठ !
२९ भगवानका प्रसक्दाकर चलिफे छुतकले करैना और इसके हाएपालू घचन[९० |
| २१३ बलिका प्रहदज्ञीके खाथ खुतललाकमे जाना बुछ
1 २७ मत्झयादतारकी लीलाक़ा वर्णन ९८ |
नपमरकून्धृ ।
५ १ वबेबस्वत मजुके चंशमे चन्ह॒वंशका प्रवेश और सथुम्तको स्रीपना प्राप्त |
1 । ः १०५ |
| ४२ मठुके करुष आदि पाँच पुत्नोके घंशकी कथा १०९ .
है ३ मलुके पुत्र शयोतिके चंशकी छुकर्या और रैवतकी बढ़ी कथा ११३ :
/ ४ महुके पुत्र न मग और उत्के पुत्र राजा अम्बरपक्ों कथा ११७ )
० राज्ञा अम्बरीषका,चकरक्ी स्तुति कप्के दुर्श लाऋषिको कष्टसे छुट्टामा १४६ |)
५ ६ अग्षरीषका दंश, शणशादखे लेकर सान्धाता पर्यन्त इपबाकुफे घंशका )
५ और सौमरि ऋषिक्षा चरिध्र १२९ ।
ह ७ मान्धाताके वंश पुरुकुत्स तथा दरिश्चन्द्रक्षी कथा १३५
4 ८ रोदितके वंशकी ओर उससे उत्पन्न हुए लगरके पुत्रों की कथा १३९,
$॥ ९ राजा खब्वांगपर्यन्त अंशुमानका चंश उनके पुत्र.पोष सपीरध हा )
है. गन्ञाजीफे लाना ह १४३
(ं १० राजा खटबांगके वंशमे प्रकट हुए भीरामचन्द्रजोके चरिघरका धर्णन.. १४८ 9)
१६ धीरापचन्द्रजीका भ्राताओके साथ र'ज्य करते हुए,यश्ने के करनेका वर्णन १५६ ।$
4 १९ ओरामचन्द्रजोके पुत्र कुशका वंश और इधचाकुके पुत्र शशाद्के चंश
है की लमाप्तिका दर्णन ५ १६१ १
१३ राजा निभिके चंशक्षा दर्णन १६२ |
६ १६ बृदृश्पतिकी श्चोके दि चम्द्रमासे चुध और उनके चंशधरोंका बर्णन १६५ )
£ ९5 पुरुराके घंशर्म गाधि ओर उनके पोत् परशरामजी का वर्णन (७१ ;
: ** अम्दज्षि ऋषिको घथ और परशुगमजीक़े करेएुए क्षत्रियवघका वर्णन १७५ |
' *3 आयुके क्षत्तुद्ध आदि पाँच पुझक बंशका वर्णन १८०
( १८ राजाययातिके पाँच पुत्रोमेसे छोटेके वृद्धावस्थाका प्रहण करने झा दर्णन १८१
६ ५४ रीज्ञा ययाति, देवयावीको, घकरेंके रृष्टान्तले अपना चरित उताबंड
<. पिरक्त दे मेक्षको प्राप्त हुए यह कथा १८९ ;
है २० पुरुष पुत्र दुष्यल्त और उनके पुत्र भरतके चरितिका वर्णन १९१
६ २१ भरते चंशमें अज्मीढ आदि राजाओं हा घर्णन १९५ |
( ऐर व्वोदसके चंशका और ऋक्षके वंश जग सन्ध आदिक बला ) )
1 दे।नेक़ो कथा ॥
र३े यालेह्न पुत्र अठु आदि का धर्ण १९५९ ॥
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न और ज्यामप्र तक्ष चदुब॑ शक बर्णल २०४ ॥
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