श्रीमद्भगवत | Shrimad - Bhagwat

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Shrimad - Bhagwat by रामस्वरूप शर्मा - Ramswarup Sharma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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1०६ 8. 427 ५ /2क का /०००० भ /ड 55 2५ 2..22 45००० 85. #2+, ...] #गालाइछ, 81 रकम, <.435.53 2५. <२७...:..८० 40%: जा है 1[ख] है अध्याय चिपय पृष्ठ ! २९ भगवानका प्रसक्दाकर चलिफे छुतकले करैना और इसके हाएपालू घचन[९० | | २१३ बलिका प्रहदज्ञीके खाथ खुतललाकमे जाना बुछ 1 २७ मत्झयादतारकी लीलाक़ा वर्णन ९८ | नपमरकून्धृ । ५ १ वबेबस्वत मजुके चंशमे चन्ह॒वंशका प्रवेश और सथुम्तको स्रीपना प्राप्त | 1 । ः १०५ | | ४२ मठुके करुष आदि पाँच पुत्नोके घंशकी कथा १०९ . है ३ मलुके पुत्र शयोतिके चंशकी छुकर्या और रैवतकी बढ़ी कथा ११३ : / ४ महुके पुत्र न मग और उत्के पुत्र राजा अम्बरपक्ों कथा ११७ ) ० राज्ञा अम्बरीषका,चकरक्ी स्तुति कप्के दुर्श लाऋषिको कष्टसे छुट्टामा १४६ |) ५ ६ अग्षरीषका दंश, शणशादखे लेकर सान्धाता पर्यन्त इपबाकुफे घंशका ) ५ और सौमरि ऋषिक्षा चरिध्र १२९ । ह ७ मान्धाताके वंश पुरुकुत्स तथा दरिश्चन्द्रक्षी कथा १३५ 4 ८ रोदितके वंशकी ओर उससे उत्पन्न हुए लगरके पुत्रों की कथा १३९, $॥ ९ राजा खब्वांगपर्यन्त अंशुमानका चंश उनके पुत्र.पोष सपीरध हा ) है. गन्ञाजीफे लाना ह १४३ (ं १० राजा खटबांगके वंशमे प्रकट हुए भीरामचन्द्रजोके चरिघरका धर्णन.. १४८ 9) १६ धीरापचन्द्रजीका भ्राताओके साथ र'ज्य करते हुए,यश्ने के करनेका वर्णन १५६ ।$ 4 १९ ओरामचन्द्रजोके पुत्र कुशका वंश और इधचाकुके पुत्र शशाद्के चंश है की लमाप्तिका दर्णन ५ १६१ १ १३ राजा निभिके चंशक्षा दर्णन १६२ | ६ १६ बृदृश्पतिकी श्चोके दि चम्द्रमासे चुध और उनके चंशधरोंका बर्णन १६५ ) £ ९5 पुरुराके घंशर्म गाधि ओर उनके पोत् परशरामजी का वर्णन (७१ ; : ** अम्दज्षि ऋषिको घथ और परशुगमजीक़े करेएुए क्षत्रियवघका वर्णन १७५ | ' *3 आयुके क्षत्तुद्ध आदि पाँच पुझक बंशका वर्णन १८० ( १८ राजाययातिके पाँच पुत्रोमेसे छोटेके वृद्धावस्थाका प्रहण करने झा दर्णन १८१ ६ ५४ रीज्ञा ययाति, देवयावीको, घकरेंके रृष्टान्तले अपना चरित उताबंड <. पिरक्त दे मेक्षको प्राप्त हुए यह कथा १८९ ; है २० पुरुष पुत्र दुष्यल्त और उनके पुत्र भरतके चरितिका वर्णन १९१ ६ २१ भरते चंशमें अज्मीढ आदि राजाओं हा घर्णन १९५ | ( ऐर व्वोदसके चंशका और ऋक्षके वंश जग सन्ध आदिक बला ) ) 1 दे।नेक़ो कथा ॥ र३े यालेह्न पुत्र अठु आदि का धर्ण १९५९ ॥ जी 3 की 2 न ह््कक्सक + उस चासछ +र ्स् न और ज्यामप्र तक्ष चदुब॑ शक बर्णल २०४ ॥ है चेक के चयन राज्य + कक कप क उलट फ कफ क ५० ६ का कहे




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