चट्टानों का जल गीत | Chattanon Ka Jal Geet

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Chattanon Ka Jal Geet  by वेणु गोपाल - Venu Gopal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जवाब देना है जवाब दना है किसी एटे गैरे वा पही बल्वि मुझे समदर वा जबाय दना है। जिस धरती के टुब डे पर सडा हू रस वक्‍त उसे ही दरवाजे पी तरह सावपर भांवता ह--प्राहर भी धरती ही है । “जमा-यूजी बितनी है ?' खुद मे पूछता है मोर गुल्लकः फोड़पर ते सारे खनसगात दिन निबाल जैसा ह जो 'सदिया ने दिय थे। समंदर मे लिए । वे सार के सार दिये रगीने पारतयियां थी सरह हैं जि परती बे परने पर ओजेप मरता है जा दिपरी हैरी प्रपनी ही टुरदाजुफटा जिम्मदारिय से बी एश टुशदान्टूुपदा शिदगी दिसती है




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