अच्छी कहानियाँ | Achchhi Kahaniyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
286
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)एकत्र कर लें और लिखते जायें। पहले वे चुपचाप अप्रने मित्रों
ओर परिचितों के रेखा-चित्र खीचें, फिर उन्हें: बारवार पढ़ें
ओर संशोधित करते जायँ । लिखते हुए उनकी सापा स्वस्थ,
स्वाभाविक और पात्रानुरूप होनी चाहिए ।
हानी में चरित्र-चित्रण उपन्यास की अपेतज्ञा अधिक
खुकोसल ओर संकेतात्मक होता है। जैसा कि सेमूर हेडन ने
लिखा है--“कलमस का किंचित सा स्प्रशे गहरी रेखाएँ खींच देता
है। यदिं वे सुसंयत अथवा सुविचारित होतो हैं तो चह कुशल
कलाकार माना जाता हे अन्यथ। उसको कल्ला ए#6 कलंक:
बन जातो है ।” कल्ला के किसी सी क्षेत्र में स्पशे का इतना
बड़ा महत्त्व नहीं है । एक रेखा यदि संगत बेठी तो दस
असंगत हो जाती हैं। इसके अतिरिक्त लेखक की अनुभव-
समष्टि कहती की परिमित-परिधि में इतनी संकुछ ओर घनी-
भूत होकर प्रकट होती है कि वह अपने पात्रों को जितना ही
: संवेद्य और विश्वसनीय वना सके उतना ही अच्छा हे।
- सूक्म-रेखाकार अपनी शलाका से जो चमत्कार उत्पन्न करता
है बही कथा-लेखक अपनो लेखनी से कर दिखाता है-। रेखांकन
कला रंगों की सूक्ष्मता में रमती है तो कहानीकार को बुद्धि और
मस्तिष्क कुरेद कर जीवन-तत्त्वों के भीतर गहरा पंठला
' पड़ता है।.
.... हमारी अंतरंग वृत्तियाँ ्वभावतः चेतन्य होने के कारण
मानव-चेतना में ही अपने अस्तित्व की जाग्नत अनुभूति पातीः ..
हूँ, स्वंमान्य सनोवैज्ञानिक सिद्धान्त के अलुतार मनुष्य की: हा
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