डॉक्टर ज़िवागो | Doktar Jivago
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
482 KB
कुल पष्ठ :
33
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पाच बजे की एफ्समेस २१
मय चहयद्वाइट में भी माँ का स्व॒र व्याप्त था। उसे ल्या कि मानों मा डसे
चतुदिशाओं से पुकार रही है-उसे अपने पास बुला रही है। कमी इस ओर से
चुकारने की आवाज आती, कमी उस ओर से । मानो बह उसका चवाव सुनने के
लिए व्याकुल दो 1 इस भ्रम से वह छाप मा उठा 1
नीचे से उलझी हुई और सिर से लटकी हुई यादियों को पार कर वह
पानी की ताला की ओर बटा। नीच टूटी हुई शाखाओं के कवर म॑ं सीलन था,
अचेरा था। सचित्र बाइविल में चित्रिद इजिप्तियन राजदण्ड की तरद् गठीरे
इठहों की सब्या अधिक और पृ्टों की तादाद कम था ।
यूरा अपने आपको अप्येकाधिक हतोमाहित महसूस करन लगा[।
उसे श्गा कि सैसे वह रो टेगा । वह घुटनों क बल बैठ गया । उसकी आखों छे
आंम बटने हगे।
यूरा ने प्रार्थना की -द्े मरे पवित्र सरक्षकों, दे देवदूतों मुझे सथ का
साधा बना वर भोसे रद दो कि में बिलकुल ठीक हू। वद चिन्ता न करे।
यदि रत्यु क बाद भी जीवन टे तो हे प्रभु रसे खर्ग में जगीशर करना जहां
सन््तों वा मुखद सत्सण और प्रकशब्स्तम्भ की तरह प्रक श्षित साथव “याय
मुख्म है । मेरी माँ इतनी आटी था कि वह पापा'मा हो हवा नहीं सकती । उसे
दया-दान दो और कृपया अर उसे ऊ़िठ्ती प्रकार वा सम्ताप मत दो )
मा-- | * रपियों की तरद सार्मिक व्याकुछता के साथ मानों उसने अपना मां
को घरती पर बुरा लिया और जर वद इस विचिय कण्यूरित अवस्था को बदाइत
नहीं कर सका तो मू्छित होकर गिर पढ़ा 1
अधिक दर तर वह अचत नहीं रदा । जग उसे द्ोश जाया, उसने मना
कि वसके मामा उसे पुकार रद्दे है । वे उसे ऊपर से बुला रहे ये । प्रत्युत्तर
खबर बढ नाठी से ऊपर चइन लगा | अपानक उसे याद आया कि उसने अपने
खोये हुए पिता के लिए तो भगवान से प्राथना का हा नहीं, जैसा कि उसका
मा न रसे तिखाया था।
थोह्ा दर का इस मूर्र ने उसे हतका कर दिया था। होश में आने व
बाद बह इस ताजगी को छोड़ना नहीं चाइता था । उसने सोचा -पिवा के लिए
यदि पिर कम्मी उसने प्राथना कर ली तो कोइ खास फर्क नहीं प़ेया । थे थोड़ी
User Reviews
Ashok Sagathia
at 2021-05-08 19:25:47"It is translated very beautifully."