जेट - यान | Jet - Yan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
88
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)को वायुयान के जेट-इजन के बारे मे अपने वियार बसाए।
इनका विकास उसी प्रकार की योजना से हुआ था लो दस वर्ष
बाद एवं वास्तविक टर्वोजिट के कैपरोनी-कंम्पीनी ]. 1 (एरक्ाणा-
(थार 1) मे प्रयुक्त की गई। ह्विटल के अ्रध्यापक ने बताया फि
उसे अपनी योजना के बारे मे सप कुछ धायु-मत्ालय के तकनीषी श्रधि-
कारियो को बता देना चाहिए।
उसने ऐसा ही किया, परन्तु उत्तर मे उसे बताया गया कि यह
असभाव्य है क्योंकि टवोेजिट के अन्दर जो ताप उत्पन्न होगे उन्हे सहन
करने के लिए दुनिया मे कोई घातु नही है 1
हालाकि मुख्य रुप से यह सही था परन्तु उसके मित्रो ने उसे इसका
एकस्व प्राप्त करने के लिए ज़ोर दिया और इस प्रकार 1930 मे वे एकस्व
रेखाचित्र प्राप्प हुए जिनमे एक आधुनिक प्रकार के टबंजिट के मूल लक्षणो
की भलक मिलती है।
युवा आविष्कारकों के लिए जीवन प्राय कम हो कृपालु होता है
और जब उसके एकस्व को फिर से नया करने का समय झाया तब छ्विठल
उसे न करा रुका। ऐसी वात पही थी कि यह कोई कठिन काभ था, पर
टरवाइन-निर्माण मे निपुण ब्रिटिश थॉमसन-हाउस्टन कम्पर्ी ते उसे बताया
था कि जिस प्रवार के इजन का डिजाइन उसने तंयार किया है उसका एक
ही नमूना तैयार करने की कीमत 60,000 पौड होगी ।
इस कहानी का प्रन्त यही हो ज्यता यदि ऋनवेल के उसके एक
नूतपूव कैडेट साथी ने उसे कुछ ऐसे लोगो से न मिलाया होता जो उसके
इजन के निर्माण के लिए धन दिला सकते थे | उन्होने मिलकर पॉवर
जेट्स लिमिटेड नामक एक कम्पनी वनाई और प्रिटिश थॉमसन-हाउस्टन
वग्पनी उसके लिए नकद भुगतान पर ग्रलग-प्रलग भाग बनाने के लिए
तैयार हो गई।
वायु-मत्नालय इस वात के लिए तयार हो गया कि यदि ह्विदल
उन्हें अपने एकस्व और अविप्कारों का बिना मूल्य उपयोग करने दें तो वह
इंजन बनाने के लिए & घटा प्रति सप्ताह कार्य कर सकता है।
उस प्रथम ब्रिटिश टर्बोजिट के बनाने में जितने प्रथत्त किए गए
झभोौर कठिनाइयाँ श्राईं उनमे से कुछ का वर्णन ##रव1 ऑगाशाहल गा
आप/शट्ट नामक पुस्तक में दिया गया है। यदि हम उनपर विचार करें तो
वे जितनी विचित्र प्रव लगतो है उतनी उस समय नही लगती थी, यहाँ तक
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