कुण कुण नै बिलमासी | Kun Kun Nai Vilamasi

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Book Image : कुण कुण नै बिलमासी  - Kun Kun Nai Vilamasi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ग्राव रें निजरा करें जुहार ग्रावर झधरा पर मनवार आवरें प्रोतवा देस रा पावणा मिठ बोला मन भावणा देख उमरडी घूमर घाल करे उतावव कावक्क चाल नींद लजाबे, सम ना आ वे जागरण रै मिस श्रोत्तू आझ्रावे वाघे बादरवाब्ू प्राव रे खडी सजाया थाक्व ग्राव रे प्रीत पथ रा पाव्णा हस बोलशा मन भावणा रुत लागे रै नवी नवेली पवन अचपकछी बणण सहेलो फूला फूला में मंद दुढ्िया अग्र श्रग मे हिंयल्ू घुल्ियो नाथ मन दे ताक “पझाव रे गाव रुप घमाव पग्रावरै प्रीतव पोक्त रा पावणा रुग रोलठ्णखा मन भावणा




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