चौखम्बा साहित्य | Chaukhamba Sahitya

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Chaukhamba Sahitya by राजकुमार राय - Rajkumar Rai

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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उत्की्णलेखपश्चकम्‌ $ सम्पादक-झाबन्धु (वाराणसी तथा दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय की शाह्निपरीक्षा में पाठ्यनिर्धारित) इस अभिनव संस्करण में १. रुद्रदामन्‌ का जूनागढ़-शिलालेख, ३. महाराण- चन्द्र का मिहरोलीस्तम्भलेख, ३. कुमारगुप्त का मन्दसौर-शिलालेख, ४. महाराज यशोवर्मा का शिलालेख और ५. बोसलदेव का देहली-शिवालिक स्तम्भमलेख, इन पाँच शिलालेखों का संग्रह किया गया है। प्ट्टीक्षारियों के हित की दृष्टि से इनका 'पदाय-बोधक! हिन्दी अनुवाद भो' किया गया है। प्रत्येक शिलालेख के अन्त में (टिप्पणी) और 'ऐतिंहासिक महत्त्व' तथा ग्रन्थ के आदि में विस्तृत ऐतिहासिक भूमिका होने से यह संस्करण छात्रों के लिये परमोपयोगी हो गया है। मूल्य २-५० अभिलेखमाला ६ सम्पादक-झाबन्धु ८ (का० हिं० विश्वविद्यालय के संस्कृत ओर कल्चर की एम० ए० परीक्षा में निर्धारित)' प्रस्तुत पुस्तक में आठ शिलालेख संगृहीत हैं---१. र्द्ददामन्‌ का जूनागढ़- शिलालेख, २. समुद्रगुप्त का प्रयागस्तम्भलेख, ३. कुमारगृुप्त का मन्दसौर- शिलालेख, ४. स्क्रन्दगुप्त का जूनागढ-शिलालेख, ५. पुलकेशिन्‌ द्वितीय का ऐहोल शिलालेख, ६. महाराजचम्द्र का मिहरोली-शिलालेख, ७. महाराज यशोवर्मा का शिलालेख और ८. बीसलद्ेव का देहली-शिवालिक-शिलालेख । इन शिलालेखों के हिन्दी अनुवाद के साथ-साथ इनके ऐतिहासिक महत्त्व और साहित्यिक वेशिश्टश् का भी विशद्‌ विवेचन प्रस्तुत किया गया है। साथ ही ऐतिहासिंक नामों और स्थानों पर विस्तृत टिप्पणी एवं आरम्भ में समालोचनाव्मक परीक्षोपयोगी ऐतिहासिक सुविशद भूमिका होने से इस संस्करण की महत्ता सर्वोपरि हो गई है । मूल्यू, ४-०० ३ हषचरितम्‌ ( पश्चम उच्छासः ) म॒धा संस्कत-हिन्दी व्याख्या-सहित व्यात्याकार-श्री शिवनाथ पाण्डेय एम. ए. प्रस्तुत कृति में महाराज प्रभाकरवर्धन के लोकान्तर-प्रयाण का अतीत करुण हृदय-द्रावक वणन है । परीक्षाओं में निर्धारित होने के कारण छात्रोपयोगिता का ध्यान रखते हुए इस अंश के प्रत्येक अनुच्छेद को प्ृथक-प्थक व्याख्या की गई हे। हिन्दी व्याख्या में ध्यान रखा गया है कि वह स्पष्ट एवं सरल हो तथा अनुच्छेद का वास्तविक स्वरूप लुप्त न होने पावे । “विशेष! में व्याकरण एवं कोश-संबन्धी बातों का तथा टिप्पणी में सांस्क्ृतिक बातों का निर्देश है । सुविशद्‌ भूमिका में परीक्षोपयोगी सभी शाज्लीय विषयों का व्यापक विवेचन है। इस प्रकार यह सर्वाज्ञसुन्दर संस्करण छात्रों के लिये नितान्त उपयोगी है। . मूल्य ३-०० (६ २४ )




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