नम्मया सुन्दरी कहा | Nammaya Sundari Kaha

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Nammaya Sundari Kaha by प्रतिभा त्रिवेदी - Pratibha Trivedi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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1१७८०१९२ | नम्मयासंदरीकहा । - १७: “करभरविवजियाणं अपीडियाएं परेण केणावि। बच्चइ सुह्देण कालो जणाण सम्गे सुराणं व ॥.., श्छ्ट अह बहुते चंदे गहवलजुत्तम्मि सुंदरे लग्गे | ' सा सुंदरी पद्चया धूयारयर्ण कमलनयणं ॥ १७९ पढमो-अवच्चलाभो पुत्तज्व्भहिया य वालिया एसा। दर इय पुत्तजम्मणम्मिव वृद्धावणयं कयय पिउणो ॥ श्दग सयलो वि नगरलोगो जंपइ आजंदपुलइयसरीरो । ' 'धन्नाण इमा बाला लब्छि व [बुरे समोइनना 8 १८१ छट्ठीजागरणाई किच्च॑ सयल॑ पमोयकलिएहिं । जणएहिं तीएँ विहिय॑ पदमम्मिव पुचजम्मम्मि | - १८२ 10 . पेच्तम्मि थारसाहे सपणसमक्खं [च्‌ १] सुहमहुत्तम्मि | है गेज॑तगीयमंगलमविर्यवरंतवरत्र॥ ० 2 ज॑ं नम्मयसरियामजणम्मि जणणीएँ डोहलो जाओ | दें होठ नम्मयाझुंदारि त्ति नाम॑ बरमिमीएँ ॥ १८४ अइसुंदरनाममिर्म पस्सइ सधो वि पुरजणों झुइओ। पठ पुन्नव्भहिओ जीवो किर कस्स न वहहो होइ॥ १८५८ हत्थाहत्थ॑ घिप्पह जणेण अन्नोन्रपेछ़णपरेण । वड्डुइ बड्टियकंती सियपक्खे चंदलेह व ॥ १८६ बोछाविजइ पिउणा पंचनमोकारभणणकुड्ेण । देवगुरूण पणामं सिक्खाविज़र हसिखयणा ॥| १८७३० सबंस्स चेव इद्दा विसेसओ बवीरदासलहुपिउणों । हे चीष॑दणाइकि् पढम॑ सिक्खाविया तेण ॥। श्ट्द नारीजणोचियाई विज्ञाणाईं तओ वि चउसटी । तओ [य] समप्पिया साहुणीण सम्मत्तों ५. ५ ४ 'नाणड ॥१८९ जीवाइनवपयत्था नाया तीए विसुद्धपन्नाएं | श5 पढ़ियाईँ पगरणाईं बेरग्गकराईं णेगाई ॥ १९०० सरमंडलामिहाणं तीए इुड्डेण पगरणं पढ़ियं। नर-नारीण सरूव॑ गुणागुणे जेण नजंति ॥ १९१ गिण्डइ सुह्ेण ज॑ ज॑ सुणेइ पाएण एगसंघात॑। पम्हुसइ नेव गहिये तहावि पदणुजमो तीसे ॥ स्टडी पा गाविते सह पदयलों तसिशा.. शहर १ *मरतिविजियाणं- ३ पिडणो, ३ वरममीए. ४ चढ़िय०*,. ७ समत्य* ” नम» हे




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