उत्सव का निर्मम समय | Utsav Ka Nirmam Samay
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
138
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)तरतीब से रखता हुआ
इस तरह मैं विचार करता
बचता रहा
वह बुरा आदमी नहीं है
शायद वह बुरा भी हो
लैकिन बुरा तो हो ही सकता है
अगर आदमी है
उसके धनवान होने के सम्बन्ध में
मैं सोचता रहा
परिश्रम से ही मिला होगा
उसे वह घन
न भी किया हो परिश्रम
बुद्धि होगी
न भी हो बुद्धि
भाग्य होगा। न कुछ हो
और धन हो
दिया हुआ या अर्जित
तब भी
मैं अपने सम्बन्ध में
सोचता हूँ। उससे मिलाकर
अर्जित करने के सम्बन्ध में
भाग्य के सम्बन्ध में, बुद्धि के सम्बन्ध में
परिश्रम के और कर्मफल के सम्बन्ध में
उसका मेरा सम्बन्ध
निराशा और मायूसी के
उत्सव का निर्मम समय £ 25
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