आरोग्य दर्पण [खण्ड 1] | Arogya Darpan [Vol. 1]

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Arogya Darpan [Vol. 1] by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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हक _ मा आरोग्य दर्पण । देश बाले जाज तक नद्ों कर- सफते । द्वाय, यह यही आयुर्यद्‌ है किये इस सप्तय प्रायः लुप्त दुशा पर भी इस देश के अनेक िकित्सफ बिना कादे ही ज्षाइ सूत्र प्रलेष पष्टी अथवा पिचकारी किस्या प्ान्‍्य फोद औषपध भर फर जनायास चाय णाच्छा कर देते हैं। ऐसे बदुत ब्रण देखे गयेई कि हूँ ढाक्तर लोग पुछटिस देकर नहीं पका सफे देशो वैद्यों ने एफदी प्र - | छैव के द्वारा उसे यला दिया है | शरीर में ऐसे यहुतसे स्थानईँ कि जहां शस्त्र प्रयोग भत्यन्त कुठिन और दुखदाई है हाक्तर णोग सेवाय शस्त्र म- योग के पोज और रक्त कदापि नहीं गिरा सक्ते परन्तु एतदुदेशोय उत्तम चिफित्सक गण भौषध फे द्वारा ऐसी युक्ति फरते दूँ फि यमढ़ा फट फर आपसे आप पीय और रक्त निकल आता है । ऐसे भी बहुत ब्रण वपा शोय देखे गये हैं कि ड।क्तरों ने बहुत दिनों तक भनेफ चेष्ठा फी पर थे लहों बैठे और क्रायु्ेदे'क्त प्रलेप द्वारा क्रट पट बैठ गये हैं। ब्रण शोघन भर रोपण फे लिये भापु। शील गुणोंपेत पणिहत गण ऐसे २ पैल अरैर चूत निकाछ गये हैं फि जिनके द्वारा भगन्द्र नाड़ी द्रण और दुष्ट श्रण अच्छा प्रो जाता दे । अपची गण्डभालछः आदि रोगों के अच्छा फरने रें आज तक भायुषेदे/क्त चिकित्सकों को बरायरी केरदे नहीं कर सका ॥ बाल राग, फुष्ट रोग, जीणंज्वर प्रभृति रोगों पर आायुर्वेदिक्त फेषल सैठ जैवा सत्कष्ट दे बैसो उषस ऊौषध दूसरे फिसो चिकित्सक फे गत में नहीं पणया जाता रक्तातिसार,क्यादि रोगों में हमारे देश फी ररीपधियां बेल सगन्ध बाला फुरैया नागरसेथा आदि जैसो गृण फारिणों हैं विदेशी दुधाइयों में ऐसी फेओ नहीं है यह बात बहुत ठोफ और मेटे रियामेडिफा एवं फारसा फैपिया क्ादि कितायों से स्पष्ट है कि इस देश में जाय कर डाफक्तर लोग भी एतदुदेशोय औषधियों का छनुकरण पूर्यफ फोस में लाने लगे तथापि हमारे शास्त्रोक्त कुटजायलेह, कटज पुटपाफ की चमत्कारी फे। नदों पाते । ग्रहणों ठद्र जादिक रोयों में प्रत्यक्ष देखा जाता है कि देशो चेद्य लोग परपटी' दुग्ध बटी, मानसंड प्रभत्तिके द्वारा जितने रोगी आसरोग्य फर सक्ते हें. उतना दाक्तरों से हेमा असम्तव है 6: १, ,_ ,..., अलष्कल, फ्ाजज+ससलसससलीीीीस3त.त.तनततककन+- नमन +ज >भाभभ-++े ५७ म»भम>ओकन--ना-मनक-म ने.




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