श्री उत्तराध्ययन सूत्र का हिन्दी अनुवाद | Shri Uttaradhyayan Sutra Ka Hindi Anuvad

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Shri Uttaradhyayan Sutra Ka Hindi Anuvad by नानचन्दजी स्वामी - Nanachandji Swami

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अं रिलल- + अति ये बातें इस भावूतति को उपयोगिता में धूप मौहिका में ».. यूद्धि करती हैं इसढी भाषा सी इतनी सरऊ दीसती है हि समी कोई इसे यद्ठी भासानी से समझ सडते हैं । इस अध में ३६ भष्ययन दें जो पद में है भौर उसमें यमनियर्मो का मुफ्प्ता से गिरूपण किपा गया है। शिक्षा के रूप में सूप्राध्मव शिक्षानवावप, साथुभों में तितिक्षामाय की तरफ प्रेरित छरोवराक्के प्रेरणा शीछ सावपूण कथा सपा मोक्षप्राप्ति में जाम, परम शिक्षा, धरद्धा तथा सथम रूपी छामचतुष्टय की उपयोगिता, सच्चे भौर शडे साधु छा भन्‍्तर, खादि ३२ विपय विशदृता के साथ तिरूपिश किये गये दें । इसके सिपाय घिपय को स्पष्ट पृप सरछ करने के लिये शगद्ट २ छोटे २ सुदर उदाहरण भी दिये गये हैं । चोर का उदाहरण, रध हासनेयाएं. ( गादाधान ) का डदाहरण, (भ्रध्य० ६--४छाक ६), तीन व्यापारियों का दृर्शंत ( भष्य० ७-दछोक १४-१६ ) भादि छोटे २ दृ्शात झुदन में जपे हुए दौरे की तरद जगमगा रहें दै ॥ नमिनाथ स्वामी की कथा यहां पहिली ही थार कट्दी गईं है । इनके सिवाय, सवादों की बहुसत्या इस प्रभ की पुक सास विशेषता है। ममिनाथ का सवाद हमें शुद्ध ग्रंथ सून्न निपास की 'प्रस्येक बुद्ध की कथा की याद दिएाता है। हरिरेष तथा प्राद्माण का संवाद, धार्मिक क्रिया पृथ धार्मिक शृति के यछावक की तरफ इशारा करता है। पुरोद्दित ओर उसके पुश्नों का सवाद साछु-जीवन की अपेक्षा गृहस्थ क्ीयल कितने जज्ञों में स्यूप है इस यात का प्रतिपादन करता है । चट्ट सबाद भद्दाभारत धथा बौद्ध जात 5 में भी थोढ़े स पेरफार के साथ दिखाई देता है, इससे घिद्ध द्ोता है कि उत्तराध्ययन सूत्र के शुछ धुराने मार्गों में से यट सी एक है। इस अथ का णाठवां स्रध्ययन कापिषीय ( सस्कृत-छामिलोयन भरधांत्‌ कपिल & सम्बन्धी) है भौर आंतियूरि की टीला में कश्ययछ कपिछ की मी कथा दीगई है जो अल न 1 म 21००1 पल] ५5 «# सांस्य दर्शोनकार कपिल के साथ श्स कपिल का बोई सम्बन्ध नहीं है ।




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