श्रावकाचार संग्रह द्वितीया भाग | Shravakachar Sangrah Part-ii

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Book Image : श्रावकाचार संग्रह द्वितीया भाग  - Shravakachar Sangrah Part-ii

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( २५ ) सोलह॒वाँ परिच्छेद ३२०-३२८ शान्ति जिनको नमस्कार कर परिग्रहपरिमाणन्रत॒का वर्णन ३२० परिग्रहप्रमाणके गुणोका वर्णन “*.. ३२१ परिग्रहका प्रमाण करके सत्तोषरूप खद्भसे लोभरूप राक्षसको जीतनेका उपदेश शे२२ परिग्रहपरिमाणके अतिचार और उनके त्यागका उपदेश ३२३ परिग्रहपरिमाण अणुब्नतमे प्रसिद्ध जयकुमा रकी कथा ४... ३२४ परिग्रहमे आसकत इमश्र॒नवनीतकी कथा ३२६ सत्रहवाँ परिच्छेद ३२९-३४० कुत्थु जिनकी नमस्कार कर गुणब्रतका स्वरूप-वर्णन ३२०, दिग्व्रतका स्वरूप और उसकी महत्ताका वर्णन ३२९० दिउ्रत्तके अत्तिचार और उनके त्याग का उपदेश ३३० अनर्थदण्डविरति ब्रतका निरूपण ३३० अनर्थदण्डके भेदोका विस्तृत वर्णन और उनके त्यागका उपदेश ३३१ अनर्थदण्ड ब्रतके अतिचार और उनके त्यागका उपदेश ३३४ भोगोपभोग सख्यान ब्रत॒का वर्णन ३१४ कन्दमूलादि अभक्ष्योके खाने पर अनन्तजीव घातका पाप बताकर सभी प्रकारके अभक्ष्यो के त्यागका उपदेश ३३६ अनिष्ट और अतुसेव्य वस्तुओके भी त्यागका उपदेश ३३७ यम और नियमका स्वरूप ३३७ - प्रतिदिन भोग और उपभोगकी वस्तुओके नियम लेनेका उपदेश ३३८ भोगोपभोग सख्यान ब्तके फलका वर्णन ३३८ भोग-तृष्णा-जयी पुरुषके मुनि तुल्यताका निरूपण ३३८ भोगोपभोग ब्रतके अतिचार और उनके त्यागका उपदेश ** ३३९ अठारहवाँ परिच्छेद ३४१-३५६ अर तीर्थंकरको नमस्कार कर शिक्षात्रत-कथनको प्रतिज्ञा ३४१ शिक्षात्रतका स्वरूप और भेदोका निर्देश ३२४१ देगावकाशिक शिक्षाव्रतका वर्णन *... ३४१ देशावकाशिक शिक्षात्रतके अतिचार और उनके त्यागका उपदेश *... ३४२ सामायिक शिक्षात्रतकी नामादि निक्षेपोके द्वारा विस्तृत वर्णन ईद ३४३ एक वस्त्रके विन्ता शेष सवंपरिग्रहका त्यागकर एकान्त शान्त स्थानमे मन स्थिर कर सामायिक करनेका उपदेश ०. ३७४३ सामायिकके समय आवश्यक परिकर्म करके जिन-स्तवन, चेत्य-वदन, अनुप्रेक्षामावन एवं तत्त्वचिस्तवन करनेका उपदेश बा... जज




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