प्रतिष्ठ रत्नाकर | Partishth Ratnakar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
29 MB
कुल पष्ठ :
774
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about गुलाबचन्द्र पुष्प - Gulabachandra Pushp
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)छाभाशीर्वाद एव शुभकामनाए
*रि
शुभकामना
पडित प्रवरग्ुलाब चन्द्र जी 'पुष्प' द्वारा सकलित “प्रतिष्ठा रत्नाकर” ग्रंथ की विषय
सूची देखकर बड़ी प्रसन्नता हुई कि जैसे सारी प्रतिष्ठा विधि ह्दयगम कर ली हो |
मेरा आगम अभ्यासी प्रतिष्ठाचार्यों से निवेदन हैकि “प्रतिष्ठा रत्नाकर' के गुढ़ रहस्य
को 3 ग्रतिष्ठाविधि करते हुये पण्डित पुष्प जी की महान मेहनत को सफल
बनावें |
मेरी भगवान से यही प्रार्थना है कि पछित जीं का ज्ञान उत्तरोत्तर बढता रहे यही
शुभकामना है | श
दिनांक४ .३ .९४ ब्र. सुरजमल जैन
निवाई (टॉक) राजस्थान
अखिल भारत वर्षीय दिग जैन विद्वत्परिषदुनेएकसर्वमान्य प्रतिष्ठा पाठकेप्रकाशन
का विचारकिया था | तदनुसारसमाज केमान्य प्रतिष्ठाचार्य सहितासूरिप नाश्ुलाल
जी शास्त्री इन्दौरऔर वाणीभूषण प्रतिष्ठा दिवाकरप. गुलाब चन्द्रजी ' पुष्प नेप्रतिष्ठा
पालका संकलन किया था | कुछविचार विषमता के कारण विद्धत्परिषदृहन सकलनो
के प्रकाशन की व्यवस्था नही कर सकी | इनमे से प नाथूलाल जी शास्त्री के द्वारा
संकलित प्रतिष्ठा प्रदीप डन्दौर से प्रकाशित हो चुका है और पं गुलाब चन्द्र जी के
द्वारा सकलित प्रतिष्ठा रत्नाकर' प्रीत विहार, दिल्ली से प्रकाशित हो रहा है। आशा
है समाज मे प्रतिष्ठा जैसे महान पुण्यवर्धक कार्य को सम्पन्न करने वाले प्रतिष्ठाचार्य
विद्वान इन प्रकाशनों से लाभान्वित होगे। समाज मेप्रचलित आम्नाओं केअनुसार कुछ
क्रियाओमैंमतभेदअवश्य हिपरउसेसघर्ष का कारण न बनाकर जिन धर्म व प्रभावना
का ही अंग बनाया जावे, यह मेरी भावना है |
श्री वर्णी दि .जैन गुरुकुल जॉ.पन्नालालजैन,
जबलपुर(म प्र.) साहित्याचार्य (सागर)
User Reviews
No Reviews | Add Yours...