घर घर दीप जले | Ghat - Ghat Deep Jale
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
19.89 MB
कुल पष्ठ :
468
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)राजनीति का आकाश : नैतिकता की खिड़की
हमारे जीवन के तीन महत्त्वपूर्ण पक्ष हैं--सत्ता, सपदा और नैतिकता । ये तीनो
चडी शकक््तिया है। सत्ता के पास दड की शक्ति है। सपदा के पास विनिमय की
झक्ति है । नेतिकता में भात्म-विश्वास और आस्था की शक्ति है । ये तीनो शक्तिया
हमारे जीवन को सचालित करती हैं । डनका सतुलन रहता है तो जीवन की यात्रा
सुगम हो जाती है और यदि इनका सतुलन विगडता है तो जीवन का रथ भी
चरमरा जाता है, टूट जाता है ।
मुझे कहा गया कि मैं नैतिकता की खिडकी से राजनीति के आकाश को देखू ।
पर मुझे लगता है कि राजनीति की दिशा मे नैतिकता की कोई खिड़की है ही नही ।
और यदि कोई है और वह खुलती है तो ट्री इतनी है कि वहा से राजनीति को
देखना भी कठिन प्रतीत होता है ।
अरस्तू ने कहा--जीवन को व्यवस्थित ढग से चलाने के लिए राजनीति जरूरी
है। भारत के दाशं निको ने राजनीति पर कम चिन्तन किया है, किन्तु पश्चिमी
दार्शनिको ने विश्व-व्यवस्था के साथ-साथ राजनीति पर भी वहुत चिन्तन किया ।
सुकरात, अरस्तू और प्लेटो से यह परपरा चली भा रही है और आज तक इसका
विकास होता रहा है ।
जीवन को सचालित करने के लिए राजनीति वहुत आवश्यक है। जीवन की
सुन्दरता, जीवन की व्यवस्थिति के लिए राजनीति का होना अनिवाये है। मैं यह
नहीं कहता कि राजनीति अपने आप मे अनैतिक है, किन्तु यह सच हैं कि राजनीति
की सीमा मे नैतिकता और अनेतिकता की कोई चर्चा ही नही है। यह तो हम एक
सदर्भ के साथ जोड देते हैं। मनुष्य तीनो पक्षो में जीता हैं। उसका एक पक्ष है
नतिकता । जव हम नैतिकता की दृष्टि से देखते हैं और मूल्याकन करते हैं तो प्रश्न
होता है कि राजनीति में नैतिकता हैया नहीं ? दूसरे शब्दों मे कहे तो अथे-
व्यवस्था या अथंनीति मे नतिकता है या नही *
हम मूल प्रकृति को समझें । राजनीति की मूल प्रकृति मे नतिकता और
अनतिकता के लिए कोई अवकाश नही है और न इसका कोई उद्देश्य है। समूची
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