ज्योतिषतत्त्व प्रकाश | Jyotishatattv Prakash

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Jyotishatattv Prakash  by अज्ञात - Unknown

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अज्ञात - Unknown

Add Infomation AboutUnknown

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
1५ हैं। खेद है कि काल-गणना करने वाले को, काल ने अल्पाय्‌ में ही अपना ग्रास बता लिया । अन्यथा ऐसे कई ग्रन्थ उनकी लेखनी ने लिखे होते । शायद ही ऐसा कोई यूग रहा हो जब ज्योतिष शास्त्र की समाज में कोई न कोई प्रतिष्ठान रही हो । आज भी समाज में ज्योतिष चर्चा, आलोचना एवं आदर का विषय है। अल्पज्ञ, स्वार्थी और अनुभवहीन ज्योतिषियों के सुप्रचारित वर्ग ने इस शास्त्र को अपमान और आलोचना का कारण बनाया है, किन्तु आज भी समाज का प्रबुद्ध वर्ग ज्योतिष का आदर करता है और सही रत्न को पहचानने वाले जौहरी भी विद्यमान हैं। वक्ष पर छगे फल पर सबकी दृष्टि जाती है, किन्तु धरती के गर्भ में छिप रत्त को निकालना और समाज के सामने ले आना श्रम साध्य तो है ही, सराहनीय भी है । पूज्य पिता जी की इस अमर किन्तु विस्मृत ज्योतिष कृति के प्रकाशन का श्रेय श्री मोतीलाल बनारसीदास प्रकाशन संस्थान की गुणग्राहकता को है जिन्होंने ज्योतिष प्रेमियों को एक समर्थ, सिद्ध एवं अनुभव पूर्ण ग्रन्थ दिया है, स्वर्गीय लेखक को आत्मा को शान्ति प्रदान की है एवं मुझे अपना ऋणी बनाया है। क्योंकि आज पृज्य पिता जी की मृत्यु के ३३ वर्ष बाद उनका यह ग्रन्थ पुन: समाज को समपित कर, में उनका सही श्राद्ध कर रहा हूं । ज्योतिष का यह अमर ग्रन्य “ज्योतिष तत्त्व प्रकाश आधुनिक युग के जिज्ञासुओं को, अध्प्रेताओं को एवं अनुभवी ज्योतिषियों के हाथों में सौंपकर में अपने आपको गौरवान्वित अनुभव करता हुं। ज्योतिष प्रेमी समाज से विनस्थ आग्रह है कि इस ग्रंथ के सम्बन्ध में अपनी सम्मतियों से वे मुझे परिचित करायें । पूज्य पिता जी के पुनीत स्मरण के साथ रामनवमी संवत्‌ २०३२ अम्बा भवन, मालरोड, जी० पी० कान्डपार अल्मोड़ा (उ० प्र०) व्याख्याता शासकीय स्तातक महाविद्यालय, सीधी (म० भ्र०)




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now