भृगु संहिता पद्धति | Bhrigu Sanhita Paddhati

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Bhrigu Sanhita Paddhati by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मेषलग्नान्त रमी मफकरलूम है९ की हानि पाने वाला और सुखशांति व मकान भूमि आदि की कमी या लापरवाही महसूस करने वाला, भाई से कमी पाने वाला, आडम्बरी धर्म वाला होता है । जिस व्यक्ति का मकर का मैंगल लग्न से दसवें स्थान में हो तो वह मनुष्य अपनी देह शक्ति के बल से महान्‌ प्रभाव पाने वाला तथा | आय और जीवन की दिनचर्या में महान गौरव व प्रभत्व प्राप्त करने वाला भौर पैतृक पुरातत्त्व की महान्‌ शवित पाने वाला तथा स्वाभिमान और अहंक[र को महानता प्राने वाला और राज, समाज में नाम व इज्जत पाने वाला' तथा महान कर्म करने वाला और प्रभावशाली देह वाला तथा स्वेच्छा, व स्वतन्त्रता पूर्वक्‌ अपनी हुकमत से काम लेने वाल्यू और मात॒ स्थान व सुख शांति की लापरवाही रखने वाला और विद्या बुद्धि के अन्दर बड़ी भारी गढ़ यकक्‍क्तियों व आत्मबल की शक्ति से काम लेने वाला तथा माता पिता की परवाह न रखने वाला संतान चाहने वाला क्रोधी होता हैं। ,_ है जिस व्यक्तिं का कुम्भ का मंगल लग्न से ग्यारहवें नं० ३५ स्थान में हो तो वह मनृष्यं अपनी देह के' परिश्रम से खब लाभ पाने *- वाला तथा लाभ के संबध में बड़ी कढ नीति से काम लेने वाला और आय का लाभ पाने वाला तथा पुरातत्त्व का छाभ पाने वाला और धन स्थान में कुछ.हानि




User Reviews

  • rakesh jain

    at 2020-11-23 10:32:26
    Rated : 7 out of 10 stars.
    category of the book is Jyotish
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