इन्द्रधनुष के पार | Indradhanush Ke Par

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Indradhanush Ke Par by शीला व्यास - Sheela Vyas

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about शीला व्यास - Sheela Vyas

Add Infomation AboutSheela Vyas

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
तस्वीर फ्रेम मे लगी तस्वीर मुस्कूराती है। तस्वीर की आँखे मुझे ही देखती रहती हैं। तस्वीर मे चेहरा है यौवनमयी नारी का। पर उसने खो दिया है अपने अस्तित्व को। स्वय को टुकडा मे बॉट दिया ह। वह अनेक सम्बोधनो से घिरी हुई है। समस्याओ के भवरजाल मे उलझी हुई है। उसका चेहरा जर्द हो गया है जगह-जगह से उसमे चिटखाव आ गया है। वह उस भग्न इमारत की तरह है इन्द्रघनुष के पार 9




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now