सत् वाणी | Sat Vani

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Sat Vani by कन्हैयालाल सेठिया - Kanhaiyalal Sethiya

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about कन्हैयालाल सेठिया - Kanhaiyalal Sethiya

Add Infomation AboutKanhaiyalal Sethiya

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
१३ पश्सी पाष्ठो छेत में ज्यासी किस्पो पिस्ीज ? सके जाण इण लिखत ने न फरसो न बोज!! श््ढ काल साला रो रपण दिन रा धवला फंस, जद घर आाव॑ कामणी धणी जाप परदेस! श्श्‌ सुरजण कद आंय उरगे न्यारी न्‍्यारों ढौड? ओ तो मन रो देत है किया नंण दे छोड ! पा




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now