भूमिकाप्रकाश | Bhumikaprakash
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
188
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about द्विजेन्द्रनाथ शर्मा - Dvijendranath Sharma
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)'<*»७ नग्ननिविदन/ कक
आज -<><()०४१०८)२८२००>
'संम्बत् १८७७ बि०: में:आगरानिदासीः प॑० घनश्याप्जीने:श्रीम्तहया-
- नन्दुः सरेंस्वतीकी रची हुई 'ऋग्वेदादि-माष्यम्तमिकापर / “एक समालोचना-
त्मक अन्थ लिखा था ।'जिप्तका नाम “सामिकामास ? “अथवा: दूसरा नाम
5 भूमिकाधिक्वारापरपर्य्याय ? है वाच्रकवृन्द्: पुस्तकक्े - नापसेही . समझ
' संकते हैं कि उसके' अन्दर' किस प्रकारके भाव अ्डित्त किये गये 'होंगे
'उसेमें ऋषिदयानन्दपर ऐसे अनुचित आक्षेप किये हं...क्नि, जसे आजतक
किसीने नहीं किये | पुस्तकके साग्रन्त अवलोकनसे प्रत्येक, विचारशील
''पुरुष' सरलतासे इस परिणामपर पंहुचेगा कि यह * पुस्तक--एक लेखककी
कृति 'नहीं है | इसमें किंतनेद्दी लेखंकोंका हाथ है । जिसके लिये उसकी
' छेब्बशेठी तथा विविध 'प्रकारका परदेविन्यास' ही प्रमाण है । मिससम्रय
यह “ पुस्तक निक्रढ्ी थी उप्तसमय ' इसके ऊपर अच्छी खाती. चर्चा
समाचारपन्रोंमें चली थी । जहांतक-मुझे स्मरण हे इस .विषयमें' दो- एक
लेख मेरे भी छपे थे।तथा अन्य, कंतिपय विद्वांनोंनेनी अपनी, लेखनी उठाई
थी किन्तु एसी विंधेडी पुश्तकका जिम्तसे -साधारण जनताप्रें, बहुत कुछ
भूठत फृहमी फेलजाना. सम्भव है लिखित पुम्तकद्गवाराही- उत्तर: दिया
“जानी चाहिये ऐसी कितनेही *महानुभावोंकी 'सम्मति, हुई ॥ क्योंकि:-वकि
5
“उक्त पुस्तकके संस्कृतमें होनेके- कारण-कई आर्य, महानुभाव.इस, . सन्द्रेहमें
* निमग्न होरहे थे क्या महर्षिं- दुयानन्दः सरस्वतीजी ;-संस्कृतमें.. इतनी. गल-
'तियां' कर गये हैं. आश्वर्यकी बात हैः॥ इतलेसेही: आप: अनुमान क्र: सुकते
हैं कि इसका “कितना भयड्भर परिणाम्त होता ॥औरःसमातनी 1परण्डितोंके
हछिये यंह कितना हर्षका कारण हो.-सकता था 1 :गुरुइन्दावनके- उत्सुवपर
“अमान पुजनीय नारायण स्वेमीजीने- विशेष रीतिसे कहा कि-इस् पुस्तकका
User Reviews
No Reviews | Add Yours...