कुरान मूल और भाषानुवाद | Kuran Mool Aur Bhashanuvad
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13 MB
कुल पष्ठ :
304
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सरये श्रद्न॒ राफ-मण रे पारा; ८घर०३७।1 , परे१
ल्लंजी कुन्ना5 नअंमलु; कद खसिरू३5 अन्फसहुम् वज़ल्ला
पन्हस्मा5 काउनूड य.फ्सरून् ॥ द
' - कया पभतीक्षा करते है, केवल यही कि इश्का स्पष्छीकरण
(तावील) हो ओर जिस दिन इसका स्पष्टीकरण दोगा तो जो
उसको भल्त रहे थे, कदने लगेगे--/ निस्सन्देह, हमारे पालन
' के प्रेरित +पेगम्बर) सत्य सन्देश लय थे। अब कया कोई
हमारा प्रशंसक है कि जो हमारे निमित्त प्रार्थना करे, अथवा
हम (संसार में) पुनः प्रेषित किये जावे, जिससे इंम जो पूर्व
करते थे, उसके विपरीत आचरण करें | मिस्सन्देह, हमने
शभात्म हांति की ओर जिस मिथ्या (मंस्तनय#) को माना था;
, बह भी उनसे नष्ट दो गया |
[ माज़िल ५ प(० ८ रू० ७[५:]
(१) इन्ना रू्वकुमुबल्लाइल्वजी खलक-स्सम्रावातिं
बल अर्जी फ्री सित्तति अय्याउमिन सुम्पत्सतवा अंलउल
अशि युग शि&ल्लयल--भहा5रा यत्लूबुह इसीस5व्व-श्शुम्सा
बल कृपरा ब-बुजूमा मुसख्खरातिन ._ विश्रश्निद
अला5 लदुइल_ ख़ल कु वश्ल अम्रु। -तवारकथ्ल्लाइह
र्बुइल आंलमीन । ः
तुम्दारा पालनकर्त्ता अदला है, जिसने धरती और आ-
काश को छः दिन में रखा, फिर बद्षत शशे). पर आसीन
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के अ्ररक्षा के अतिरिक्त प्रत्य को मानना ।
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