अतुकान्त | Atukant

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Atukant by लक्ष्मीकान्त वर्मा - Laxmikant Varma

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about लक्ष्मीकान्त वर्मा - Laxmikant Varma

Add Infomation AboutLaxmikant Varma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
किरण की मौत, अन्धकार की प्रवृत्ति, प्रकाश की शक्ति वह देखता है पखुरी के-- विलग होने मे, सम्पूर्ण फूल का उत्सर्ग किन्तु एक अदृश्य, अक्षुण्ण पुण्य का गत्धरूप वह देखता है एक किरण में उगता सम्पूण सूर्य एक कदम में डूबी सम्पूण पृथ्वी की गति एक हाथ में उगी सम्पृूण ससृत्ति जिस में में ही भोगता और मे ही भोगा जाता हूँ मै हो सहार करता हूँ अपना किन्तु में ही बनाता हूँ क्यो कि में अपना में नही किसी महात्र्‌ का उच्छिष्ट में नहीं किसी सम्भाव्य की अनुक्रमणिका नही किसी समाप्ति का समापन-चिह्न नहीं में हूँ अपने हो लघु अस्तित्व से जन्मा व्यापक परिवेश का साक्षी ओर साक्ष्य प्रज्ञ विज्ञ आत्म स्थित क्रियाशील यथाथवाही निश्णशक प्रबुद्ध मेरी लूघुता है परमाणुवाही साथकता क्या कि में अपना मै ही नहो में तुम्हारा--तुम सब का हूँ आत्म-स्थित क्रियाशील | छघु अस्तित्व वी सार्थक माँग बढ




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now