उपदेश माला भाषांतर | 1805 Updesh Mala Bhasanter (1923)
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
16 MB
कुल पष्ठ :
410
श्रेणी :
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विषय«
श्१२ हर जीपोनु लक्षण पी
११३ धंग करवानी आवश्यकता: ..« सं
हे यतनानी आवश्यकता--पैनुँ निरूपण-दशद्वार«
२१५ पांच समितिनु पाठन केवी रीते थाय ? (प्रथम द्वार ).
२१६ क्रोधादि दर क्ेशरूप छे. (द्वितीय द्वार )
२१७ क्रोधना शा
२१८ मानना पर्यायो, .... .« . &/«« पन्र
११९ मायाना पर्यायों * 2...
२२० लोभना पर्यायो- ....
२२१ कषायो तजवा संवधी उपदेश
२२२ हास्यादि पटकने तजवा संबंधी उपदेश पा
२२३ कपेने प्राधीन थयेल जीव अकाये करे छे नमी
२२५४ अनुभव रहित वहुश्ुुत मोक्षमागेनो आराधक यतो नथी,
२२८ जणे गारव तजवा विपे- (३ ) .
२५२६ इंद्रिय द्वार: (४)
२२७ प्रद त्याज्य द्वार (५)
२२८ ब्रह्मचय गुप्ति द्वार. (६) कि
२२९ ख्वाध्याय द्वार, (७) ब्ण हा
२३० बिंनय द्वार; (८ )
२३१ तप द्वार, (् ९ ) ७०
२१२ प्लुनिए रोगोत्पत्ति समये केम वर्तबुँ ? वैयाबच्च कोनी को-
करवी ? (शक्ति न गोपववा संबंधी १० मुँ द्वार.)
२३३ लिंगधारीनु स्वरूप विगेरे. .... .
२३४ पा्चसर्थादिकनां लक्षणों
२३५ आ काछे कोई साधुओ ज नयी ? 'एवी शंकानुं निवारण
२३६ भायावीनुं स्वरूप-तेनुं परिणाम,
#३१२७ कपदक्षप तपस्वीनी कथा. ( ९६)
२१८ विराधकर्ु
२३९ हे का हे
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२३१ सबोलुहा के से न विन परचम पी
२४२ धर्म मायानो. अवकाश णनथी
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श्र
गाथा: पृष्ठ,
२८९-१२९० ३६०
२५१-२९३ २९०
२९४-१९५ ४९१
२९६-३०० ३९१२
३०१ २९३
३०३-३०३६ २९४
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३०द-३०७ २९५
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३१०-३१५ २९६
३१६-३२१ २९८
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३२४-३२५९ २१००
३२१७-३२९ ३०१
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३४१-३४२ ३५०५६
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३१४९-३५३ ३०७
३५४-३८२ ३०९
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३८५-३८६ ३१७
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३८९-३१९१ ३१०
२९२ ३२११
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